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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नहीं थम रहा बाघों की मौत का सिलसिला, प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल - उमरिया

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में एक बार फिर बाघ शावक की मौत हो गई है, लेकिन बांधवगढ़ के जिम्मेदार इस मामले में कुछ भी कहने से और करने से बच रहे हैं.बीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर सिद्धार्थ गुप्ता का कहना है कि 1 शावक की मौत हुई है, जबकि एक अभी भी लापता है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

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Published : Apr 17, 2019, 10:20 PM IST

उमरिया। देशभर में बाघों की घटती संख्या को बचाने और सुरक्षा के लिए सरकार कई परियोजनाएं चला रही है. इसके बावजूद आए दिन बाघों और बाघ के शावकों के मौत के मामले सामने आ रहे हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में एक बार फिर बाघ शावक की मौत हो गई है, लेकिन बांधवगढ़ के जिम्मेदार इस मामले में कुछ भी कहने से और करने से बच रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बीते 5 से 6 महीने के अंतराल में स्पोटी के 4 शावकों की मौत से बाघों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया, जिसे लेकर टाइगर रिजर्व के पहरेदारों पर सवालिया निशान लग रहे हैं. हालांकि बीते दिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बठान कोर क्षेत्र में हुए टी41 नामक बाघिन के शावक की मौत के मामले को प्रबंधन लीपापोती करने में लगा था, लेकिन मामला तूल पकड़ता देख प्रबंधन ने मामले में सफाई पेश की है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

बीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर सिद्धार्थ गुप्ता का कहना है कि 1 शावक की मौत हुई है, जबकि एक अभी भी लापता है. लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो टी41 के चारों शावकों की मौत हो चुकी है. वहीं लगातार हो रहे शावकों की मौत और प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये वन्यजीव विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है. बांधवगढ़ में बाघों के अस्तित्व पर खतरा जताते हुए कहा है कि शावकों की मौत ज्यादातर टेरिटोरियल फाइटिंग से होती है, वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस शावक की मौत टेरिटोरियल फाइटिंग में हुई है तो तथ्यों को छिपाना नहीं चाहिए.

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