उमरिया। कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में जहां एक ओर इंसान एक दूसरे से दूर भाग रहा है. 13 मार्च 2020 से विद्यालय बंद होने के कारण नैनिहालो कि शिक्षा प्रभावित हुई है, जो कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिये सबसे बड़ी चुनौती रही. ऐसे कठिन समय में मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली हमारा घर हमारा विद्यालय जो कि मोबाइल, टेलीविजन, रेडियो के माध्यम से प्रारंभ की गई लेकिन गांव, मोहल्लों में गरीब तबके के मजदूर वर्ग के लोगों के लिये इस तरही की शिक्षा लेने में भी बड़ी कठिन समस्या उभर कर सामने आ रही थीं.
ऐसा ही एक बड़ागांव का मोहल्ला सेहरा टोला है, इस मोहल्ले में एक प्राथमिक शाला है. मोहल्ले के रहवासी मजदूर वर्ग के गरीब हैं. इस विद्यालय में बैगा जनजाति के 32 छात्र-छात्राएं और कोल गोंड़ जनजाति के 36 छात्र-छात्रायें कुल 68 बच्चे अध्यनरत हैं. ऐसे लोगों के पास एंड्रॉइड फोन कहां से आये. ऐसी कठिन परिस्थिति में प्राथमिक विद्यालय सेहरा टोला के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुनील कुमार मिश्र अपने दो सहयोगी शिक्षकों श्यामबिहारी पांडेय, डी दुर्गा देवी के सहयोग से मोहल्ले के 5 लड़के रोहित सिंह, विजय सिंह, शकुंतला सिंह, अविनाश राय, विशाल कोल ढूंढ निकाला जो कि कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं, इन पांचों के पास एंड्रॉयड मोबाइल हैं. पांच अभिभावक भी मोहल्ला कक्षा के लिये जिसे शिक्षा का कोना कहेंगे अपने घर के बरामदा देने के लिए तैयार हो गए. छात्र छात्राओं के माता पिता तक इस बारे में सूचना पहुंची पहले ही दिन दिनांक 6 जुलाई को अलग अलग मोहल्ला कक्षाओं में 8-8, 10-10 बच्चे उपस्थित हो गए बस फिर क्या था, सोशल डिस्टेंसिग के साथ इनकी बच्चों की मोहल्ला कक्षा शुरू हो गई.