उमरिया। जिलेभर में नवरात्रि का उत्सव चरम पर है. पांडालों मे बिराजी मातेश्वरी का तेज भी निखरता जा रहा है. जगह-जगह धार्मिक आयोजन हो रहे हैं. शाम होते ही श्रद्धालु माता की छवि को निहारने निकल पड़ते हैं. पाली के बिरासिनी धाम मे शनिवार को माता महाकाली का चांदी के आभूषणो से श्रंगार किया गया. उल्लेखनीय है कि नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की आराधना की जाती है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक असुरों का वध करने के लिए मां पार्वती ने कालरात्रि का रूप धारण किया था.
माता को लगाया विशेष भोग :मान्यता है कि मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले साधकों को भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का डर नहीं सताता. अष्टमी पर माता बिरासिनी के दरबार मे अठमाईन चढ़ाकर माता की पूजा अर्चना की गई. मानता है कि अष्टमी तिथि को अठमाईन चढ़ाने से माता विशेष भोग के रूप में इसे ग्रहण करती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति कराती हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अठमाईन के साथ विशाल झंडे लेकर माता के दरबार आते हैं. साथ ही नगर में नेकी भलाई की कामना करते हैं.