उमरिया। उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि संविदाकर्मी जवाहर विश्वकर्मा की पत्नी के नाम दर्ज फर्म सिराज इंटरप्राइजेज को बिना टेंडर के काम दिया गया और बिना सप्लाई के बिल लग गये.
कैसे हो गया लाखों के बिल का भुगतान :स्वयं ही सत्यापन कर बिलों का लाखों रुपए भुगतान कर दिया, हालांकि इस बात की भनक CMHO को होने के बाद भी उन्होंने कोई एक्शन नही लिया. बगैर मिलीभगत के क्या संभव है. भुगतान जब हुआ तो सीएमएचओ के हस्ताक्षर भी हुए होंगे, मगर भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने के लिए सभी आतुर थे और जब बात अपनी पर बनी तो भ्रष्टाचार की जानकारी नहीं होने की बात कह दी.
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पांच माह बाद पता चला :प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2021 जुलाई में उक्त खरीदी आदेश जारी किया गया, जिन कामों और सामग्री का बिल लगाया गया, वह सामग्री भंडार गृह में थी ही नहीं और न ही रजिस्टर में इंद्राज किया गया. इस बात की जानकारी भंडार गृह प्रभारी ने दिसंबर 2021 को CMHO को दी. इसके पहले न तो मुखिया ने जानकारी ली और न ही भंडार गृह को कोई पत्र लिखा गया, जबकि अगर सामग्री नहीं मिली थी तो इस बाबत पत्राचार होना चाहिए था. साहब ने पहले ही भुगतान कर अपना हिस्सा किनारे कर लिया.
MP umaria News, Health department scam, contract worker sacked, CMHO under question