उमरिया।कोविड-19 महामारी के चलते देश का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. देश की अर्थव्यस्था में अहम भूमिका निभाने वाला यह क्षेत्र संकट में है. देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. देश की GDP में योगदान भी 30% है, बावजूद इसके इस क्षेत्र को हमेशा उपेक्षा की नजर से देखा जाता है. ऐसे में इससे जुड़े व्यापारियों को बजट 2021-22 से काफी उम्मीदें हैं. शिवराज सरकार में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ईटीवी से खास बातचीत की.
प्रश्न: कोविड-19 महामारी की मार एमएसएमई सेक्टर को ज्यादा पड़ी है. कल देश का बजट आने वाला है, आपकी क्या उम्मीदें है.
उत्तर:आत्मनिर्भर भारत के लिए जितने भी जरूरतें होंगे, वह सब इस बजट में आईने की माफिक साफ देखने को मिलेंगी. कोरोना काल में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की देश के प्रधानमंत्री की सोच ने पूरी दुनिया मे नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा नेता बना दिया है.
प्रश्न: प्रत्यक्ष कर में 30 फीसदी वाले स्लैब में आने वाले उद्योगों का टैक्स तो घटाकर 20 फीसदी कर तो दिया गया, लेकिन उसमें प्राइवेट लिमिटेड को ही रखा गया है. जबकि ज्यादातर छोटे उद्योग प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप वाले हैं. ऐसे में इस स्लैब में इन्हें भी शामिल कर लिया जाये तो काफी सहूलियत होगी.
उत्तर:टैक्सेशन का पहले से खास किसी को कोई अंदाजा नहीं होता, लेकिन यह कटु सत्य है कि परसेंटेज आफ टैक्सेशन जितना कम होता है. जनता उसे उतना अच्छा मानती है और सरकार के पास भी रेवेन्यू बढ़ता है. रेवेन्यू बढ़कर ज्यादा से ज्यादा फंड है, क्योंकि कोरोना के समय में सरकार की रेवेन्यू में काफी कमी आई है. मोदी जी और शिवराज जी की बड़ी दूरदर्शिता की सोच है. जिसमें बिना किसी अव्यवस्था के सबसे विपरीत काल के सब काम आसानी से निपटाते हुए मितव्ययता के माध्यम से उन्होंने बहुत सी नई योजनाएं चालू करके ना बेरोजगारी बढ़ने दी ना ही अन्य काम रुकने दिया.