उमरिया।उमरिया जिले में राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले मारकंडेय आश्रम, बांधवगढ़ और दशरथ घाट को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है. जिले के तीनों स्थानों के कायाकल्प की तैयारी हो रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा राम वन गमन पथ की कार्ययोजना बनाने के लिए चित्रकूट में की गई बैठक के बाद जिला प्रशासन ने भी जिले के तीनों स्थलों के विकास के प्रयास शुरू किए हैं.
भगवान राम मार्कण्डेय आश्रम पहुंचे :उमरिया निवासी प्रदीप सिंह गहलोत ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तब यह जानना आवश्यक होगा उमरिया जिले से प्रभु राम, लक्ष्मण, सीता के वनगमन का मार्ग क्या था ? पौराणिक मान्यता के अनुसार चित्रकूट से सतना होते हुए भगवान राम सबसे पहले मार्कण्डेय आश्रम पहुंचे थे. मार्कण्डेय ऋषि ने विंध्य क्षेत्र में आकर सोन व छोटी महानदी के संगम पर अपना आश्रम बनाकर यहां तपस्या की थी. यह आश्रम बांधवगढ़ से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में है. बाणसागर बांध बन जाने के कारण अब यह जलमग्न हो गया है.