उमरिया। उमरिया से 24 किलोमीटर दूर बसा चंदिया नगर कई ऐतिहासिक धरोहरों अपने सीने में समेटे हुए है. विंध्य और मैकल पर्वत श्रृंखला के तलहटी में बसा चंदिया नगर, गोंडवाना राज्य के साथ-साथ बघेल राजवंशों की कहानियों को भी समेटा हुआ है. यहां से निकलने वाली प्राकृतिक गंधक युक्त, कथली नदी की ख्याति दूर दूर तक है. इस नदी में नहाने से त्वचा संबधी रोग दूर होते हैं. जब लोगों को लगा कि भला कैसे यह नदी लोगों के रोगों को ठीक कर सकती है तो यहां के लोग नदी के पानी की जांच भी करवाई. तो निष्कर्ष यही निकला कि गंधकयुक्त पानी कुष्ठरोग के लिए रामबाण है.
डॉक्टर भी मानते हैं कि इस नदी के जल में नहाने से एक्जीमा, कुष्ठरोग, खाज-खुजली जैसे रोग ठीक हो जाते हैं. लोगों के मुताबिक पानी का लैब टेस्ट हो चुका है. जिसमे यह बात निकलकर सामने आई कि पानी में गंधक की मात्रा ज्यादा होने से चर्म रोग ठीक हो जाता है. नदी में चर्मरोगियों के नहाने की परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. देश के विभिन्न राज्यों से लोग यहां नहाने के लिए पहुंचते हैं और इसे कथली गंगा नदी के नाम से जानते हैं.
गंदे पानी से प्रदूषित होती नदी
अपनी अविरल धारा में सैकड़ों सालों के साक्ष्यों को समेटे कथली गंगा नदी को चंदिया के प्रसिद्ध कवि रघुनाथ प्रसाद मिश्र 'ललित' ने अपने खंड काव्य में इस नदी को कथली गंगा की संज्ञा दी है. इसके साथ ही आज भी इस नदी को कथली गंगा नदी के नाम से जाता है लेकिन किनारे किनारे बसने लोग इसे प्रदूषित कर रहे हैं. चंदिया नगर के लोग नालियों के माध्यम से पानी को कथली नदी में बहा रहे हैं, हालांकि जिला प्रशासन इस नदी को साफ करने के ढेरों दावे कर रहा है. लेकिन कथली गंगा का जस का तस बना हुआ है.