उमरिया।जिले में वन विभाग के अधिकारियों के एक के बाद एक भ्रष्टाचार के खुलासे हो रहे हैं. जिसको लेकर वन मंत्री विजय शाह ने सभी जिम्मेदारों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है. वहीं कुछ मामलों को लेकर उमरिया आगमन पर मध्य प्रदेश शासन के वन मंत्री कुंवर विजय शाह को ज्ञापन सौंपा गया है. इस ज्ञापन में ना सिर्फ मानपुर क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत की गई है, बल्कि जिले के जंगलों में असुरक्षित वन्य प्राणियों, नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और घुनघुटी रेंज में हुए इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के नाम पर घोटाले की शिकायत की गई है. हालांकि इन मामलों की शिकायतें पहले भी हुई पर कार्रवाई नहीं हो पाई.
नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में अवैध खनन
नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. यहां अवैध उत्खनन को संरक्षण रेंज अधिकारी पप्पू पास्केल द्वारा दिया जा रहा है. कुंवर विजय शाह से की गई शिकायत में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि नौरोजाबाद रेंजर अवैध खनन करवाते हैं और खनन के बाद हुए गड्ढे को तालाब का नाम देकर मामले को निपटा देते हैं. नौरोजाबाद रेंजर द्वारा सस्तरा बीट के पीएफ 510 में जमकर अवैध खनन कराया गया है. यहां से हजारों हाईवा मुरुम निकाली गई है. इसका परिणाम है कि यहां एक विशाल गड्ढा बन गया है और इस विशाल गड्ढे को नौरोजाबद रेंजर तालाब का नाम दे रहे हैं. जबकि देखने से स्पष्ट होता है कि यह किसी तालाब की खुदाई नहीं की गई है बल्कि यहां से मुरुम और मिट्टी निकाली गई है, जिसके बाद यह गड्ढा बचा है.
रेंज कार्यालय के पास चल रहा अवैध उत्खनन
वन परिक्षेत्र कार्यालय और रेंजर निवास से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं है. इसके बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसने भी रेंजर के खिलाफ मुंह खोलने की कोशिश की उसके खिलाफ कार्रवाई की तलवार चला दी गई. यही कारण है कि नौरोजाबाद क्षेत्र में अब वन विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे. बल्कि जैसा रेंजर चाहते हैं उसे हिसाब से काम हो रहा है. रेंजर चाहते हैं कि अवैध उत्खनन और लकड़ी की कटाई करने वालों को संरक्षण दिया जाए और कर्मचारी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं. इस मामले में वन मंत्री कुंवर विजय शाह से मौखिक तौर से कार्रवाई करने की मांग की गई है.