उमरिया। जिले के कोविड केयर सेन्टर (पुराना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन) में भर्ती मरीजों को ड्रग, डाईट, डाईग्नोस्टिक आदि व्यवस्थाएं शासन के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं. ये बात कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के संज्ञान में एमपीईवी रेस्ट हाउस मंठार में बैठक के दौरान आई. जिसके बाद कलेक्टर ने कोविड केयर सेन्टर में घूमकर मरीजों से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की और मौके पर ही बीएमओ डॉक्टर व्हीके जैन पाली को व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने हेतु निर्देशित किया गया था, लेकिन बीएमओ द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया. भोजन की गुणवत्ता व मात्रा में भी सुधार नहीं किया गया है. जिसके चलते कलेक्टर ने बीएमओ के कारण बताओ नोटिस दिया है.
इसी तरह 29 अगस्त 2020 को कलेक्टर संज्ञान में यह बात लाई गई कि कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को जिससे मरीजों को असुविधा व कठिनाई हो रही है. जिससे जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. जिसकी जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से बीएमओ की है. कलेक्टर ने नोटिस जारी कर पूछा है कि आपका यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 नियम 03 के उपनियम (1,2.3) के विपरीत होकर सदाचार की श्रेणी मे आता है. क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई की जाए.
कलेक्टर के निर्देश के बाद नहीं सुधरी कोविड सेंटर की व्यवस्थाएं, बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी
उमरिया के कोविड केयर सेंटर में अनियमितता और लापरवाही की शिकायत पर बीएमओ द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया. भोजन की गुणवत्ता व मात्रा में भी सुधार नहीं किया गया है. जिसके चलते कलेक्टर ने बीएमओ को कारण बताओ नोटिस दिया है.
अंगद के पांव की तरह जमे हैं बीएमओ
उमरिया का पाली ब्लॉक आदिवासी बाहुल्य है. यहां पर वर्तमान बीएमओ सालों से पदस्थ हैं, समय-समय पर कई अनियमितता सामने आईं और वर्तमान बीएमओ को जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ा. लेकिन अंगद के पैर जैसे जमे बीएमओ को फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ा. यही कारण है कि कोरोना महामारी जैसे ज्वलंत विषय पर उमरिया कलेक्टर द्वारा लगाई गई फटकार का उन पर कोई असर नहीं पड़ा, व्यवस्थाएं जस की तस देख नाराज कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ गया है.