उमरिया। बिरसिंहपुर पाली मुख्यालय पर करोड़ों की लागत से दो अस्पताल बनाये गए हैं, लेकिन यहां आज भी शव वाहन की दरकार है. शव वाहन नहीं होने के चलते लोगों को शव कंधों पर ही ले जाना पड़ता है या फिर डबल पैसे देकर प्राइवेट वाहन से शव ले जाना पड़ता है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन का गैर जिम्मेदाराना रवैया बरकरार है.
जब कोई दुर्घटना होती है तो मृतक के परिजनों को शव लाने और ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. खासकर गरीब परिवार प्राइवेट वाहन की व्यवस्था करने में बेहद परेशान होते हैं. कई बार तो मृतक के परिजन शव को कचरे के वाहन तक में ले जाने को मजबूर होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.