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धांधली पर धमाधम! जिला अस्पताल में महिला स्टाफ के बीच मारपीट - Ujjain News

चरक भवन में पिछले दिनों सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल रेफर करने की खबरें सामने आई थी. खबर सामने आने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे. कार्रवाई के निर्देश के बाद चरक भवन से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वार्ड की चार महिलाएं आपस में लड़ रही है. बताया जा रहा है कि महिलाओं के लड़ने का कारण निजी अस्पताल में रेफर करने की खबर लीक होना है.

Ward women encounter amongst themselves
आपस में भिड़ी वार्ड महिलाएं

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Published : Feb 27, 2021, 4:13 PM IST

उज्जैन। जिला चिकित्सालय के चरक भवन से फिर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में वार्ड की 4 महिलाएं आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा रही है, तीन महिलाएं एक महिला को पकड़ कर कुछ बुलवाना चाह रही है. जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला विगत दिनों गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल में रेफर करने की धांधली से जुड़ा हुआ है. सूत्रों की माने तो कलेक्टर के सामने गर्भवती महिला द्वारा भांडा फोड़ने के बाद से ही स्टाफ की महिलाओं में हड़कमप मचा हुआ है. ख़बर चूंकि तीन बार मीडिया में लीक हो गई तो स्टाफ उसी का गुस्सा एक दूसरे पर उतार रहा है.

आपस में भिड़ी वार्ड महिलाएं
  • क्या है पूरा मामला

दरअसल संभाग स्तर के सबसे बड़े जिला चिकित्सालय के समीप गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए 450 बेड का चरक भवन बनाया गया है. यू तो यह भवन सर्व सुविधा से लैस है. जहां गरीब परिवार की महिलाओं को परिजन इस आस में लाते है कि पैसा बचेगा और डिलीवरी निशुल्क हो जाएगी. लेकिन उस आस का गला घोटते स्टाफ की कहानी कुछ और ही है. चरक भवन सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल का आफिस भी है.

2 फरवरी को चरक भवन के गेट पर खड़ी प्राइवेट अस्पताल की एम्बुलेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके चलते कलेक्टर ने दो दिन पूर्व ही चरक भवन का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर से गर्भवती महिला ने शिकायत की थी कि उन्हें प्राइवेट अस्पताल भेजा गया, जहां उनके एक लाख रुपए से ज्यादा पैसे लग गए. पैसा नहीं होने की वजह से दौबारा यहां आना पड़ा. जिसपर कलेक्टर ने दो निजी अस्पतालों को जवाब दो नोटिस जारी किया था.

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  • क्यों बड़ने लगा स्टाफ का लालच?

भवन में हर दूसरे दिन संभाग स्तर पर 5 से महिलाएं 6 डिलीवरी के लिए भर्ती होती है. लेकिन भवन स्टाफ चंद पैसों की लालच में उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भेज देता है. चरक भवन का स्टाफ प्राइवेट अस्पताल का एड्रेस भी अटेंडर और वार्ड महिलाएं ही देती है. स्टाफ मरीज के परिजन से लिखवाता है कि आप अपनी मर्जी से इन्हें लेकर जा रहे है. कम जानकरी रखने वाला परिवार स्टाफ की बातों में आ जाता है. इसी तरह धांधली का शिकार हो जाता हैं.

अस्पताल से हर साल करीब 4272 महिलाओं को रेफर किया जाता है. एक महिला से प्राइवेट अस्पाल 50 हजार रुपए लेता है. रेफर के कारण अस्पतालों कि कमाई सालाना 20 करोड़ का आंकड़ा करती है. अगर 3 प्रतिशत कमीशन भी चरक भवन की धांधली में शामिल स्टाफ को मिलता है, तो 65 लाख रुपए सालाना स्टाफ भी कमा लेता है. दो दिन पूर्व कलेक्टर आशीष सिंह की जनकारी में 429 महिलाओं को रेफर करने की बात आई थी. जिसको कलेक्टर ने संज्ञान में लिया और साल भर का डाटा तैयार कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाई के निर्देश दिए.

  • व्यक्तिगत घटनाएं होना स्वभाविक

वायरल हुए मारपीट के वीडियो के बाद सिविल सर्जन पीएन वर्मा ने कहा कि सफाई ठेकेदार के अंदर में कार्यरत महिलाएं है. चुकी स्टाफ बड़ा है तो कही न कही ये व्यक्तिगत घटनाएं होना स्वभाविक है. मेने जांच के लिए कहा है. जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी. ठेकेदार को भी दोनों महिलाओं को निकालने के आदेश दिए है.

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