उज्जैन। कोरोना महामारी ने उज्जैन सहित कई शहरों में विकराल रूप ले लिया हैं, जिसके कारण कई लोगों ने अपनों को खो दिया. वहीं अभी भी कई मरीज अस्पताल में जंग लड़ रहे हैं. इस आपदा के दौर में न सिर्फ निजी क्लीनिक संचालित करने वाले डॉक्टर्स बल्कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
डॉ. महावीर खंडेलवाल का वीडियो वायरल
स्वास्थ्य अमला दिन-रात मरीजों की सेवा में लगा हुआ हैं, लेकिन फिर भी मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा हैं. इस बीच सीएमएचओ डॉक्टर महावीर खंडेलवाल का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह अपने फ्रीगंज स्थित क्षेत्र में संचालित होने वाले निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि डॉ. खंडेलवाल के क्लीनिक के बाहर मरीजों की भीड़ लगी हुई हैं. डॉ. महावीर खंडेलवाल का वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य अमले में हड़कंप मच गया, जिसके बाद सीएमएचओ से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने अपने आप को महिदपुर में होने की जानकारी देकर फोन बंद कर दिया.
सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल ने 28 अप्रैल को उज्जैन, तराना, महिदपुर, बड़नगर, नागदा, खाचरोद सहित अन्य जगह के मेडिकल ऑफिसर और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के नाम पर नोटिस जारी किया था, जिसमें साफ कहा गया था कि कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को जरूरी सेवा में लिया गया हैं. उक्त संबंध में कुछ चिकित्सक शासकीय अस्पताल में न रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस पर चले जाते हैं. अगर कोई डॉक्टर ऐसा करते पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन के तहत कार्रवाई की जायेगी, लेकिन डॉ. खंडेलवाल का वीडियो इसके उल्ट ही हैं.
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पद से हटाने की मांग
महामारी के इस दौर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर जिले भर का भार हैं. वैसे ही कोरोना को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई हैं. ऐसे में सीएमएचओ का सरकारी समय में निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करना गलत है. मंत्री मोहन यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति भयानक होती जा रहा हैं. अगर सीएमएचओ खंडेलवाल ने इस तरह का कृत्य है, तो वो बेहद गलत हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. वहीं कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि प्रदेश में जंगल राज शुरू हो गया हैं. जिस तरह से लापरवाही बरती जा रही हैं. अब लगता है कि उज्जैन की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे हैं. विधायक महेश परमार ने सीएमएचओ को पद से हटाने की मांग की हैं.