उज्जैन। जिले में गुंडे, बदमाश, मिलावटखोर के साथ माइनिंग माफिया के खिलाफ का कार्रवाई हो रही है. अवैध खनन और परिवहन करते हुए प्रशासन ने 16 वाहन को पिछले दिनों जब्त किया था. जो करीब एक करोड़ 14 लाख रुपए की कीमत के हैं. जिसके बाद राजसात किए गए वाहनों को नगर निगम के उपयोग के लिए न्यायालय के आदेश अनुसार सौंप दिया गया है. इन गाड़ियों के इस्तेमाल से नगर निगम का हर महीने 15 लाख 75 हजार किराया बचने का अनुमान है. खनिज विभाग ने माइनिंग माफिया पर 44 लाख का अर्थदंड भी लगाया है.
माइनिंग माफियाओं पर कार्रवाई
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा अवैध परिवहनकर्ताओं से खनिज नियम 1996 के नियम 53(2) ख के प्रावधानों के तहत विगत दिनों राजसात किए गए कुल 16 वाहन जिनकी कीमत एक करोड़ 14 लाख रुपए है. एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंगल को सौंप दिया है. एमपी रोडवेज के पुराने डिपो में खड़े इन 16 वाहनों को नगर निगम आयुक्त को निगम कार्यों के उपयोग के लिए दिया गया है. नगर निगम को इन वाहनों के मिलने से प्रतिदिन 52 हजार 500 और हर महीने 15 लाख 75 हजार की बचत होगी. सौंपे गए वाहनों में तीन जेसीबी, पांच डंपर और ट्रैक्टर ट्राली शामिल है.
एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने दी जानकारी
एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश अनुसार माइनिंग माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. जिसमें न्यायालय अपर कलेक्टर में इसकी सुनवाई हुई. यहां 51 प्रकरणों पर सुनवाई हुई. बाकी के 8 प्रकरणों के वाहनों को हमने राजसात किया है और उन पर 44 लाख का अर्थदंड लगाया है. जिसकी कीमत 1 करोड़ 14 लाख है. बाकी के पांच केस पर सुनवाई अभी बाकि है.