उज्जैन। निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई प्रयास किए गए है. लेकिन अभी भी फीस वृद्धि को लेकर निजी स्कूल संचालक और अभिभावक संघ के बीच खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. उज्जैन के नागदा में स्कूल संचालकों और अभिभावक संघ की बैठक आयोजित हुई. जितनी पढ़ाई उतनी फीस की मांग कर रहे पालक उस समय आक्रोशित हो गए, जब सरस्वती स्कूल संचालक संतोष राजोरिया ने ये कह दिया कि, आपकी हैसियत 3000 रुपए वाले स्कूल में पढ़ाने की नहीं तो, 700 रुपए फीस वाले स्कूल में पढ़ाए. इस बयान से नाराज अभिभावकों ने संतोष राजोरिया से माफी मांगने को कहा. वहीं हंगामा देख स्कूल संचालक बैठक का बायकॉट कर बाहर चले गए.
उज्जैन: स्कूल संचालकों और अभिभावक संघ की बैठक बेनतीजा, भारी हंगामे के बीच नहीं निकला कोई भी समाधान - नागदा में स्कूल संचालकों और अभिभावक संघ की बैठक
उज्जैन के नागदा में स्कूल संचालकों और अभिभावक संघ की बैठक में जमकर हंगामा हुआ, सरस्वती स्कूल संचालक संतोष राजोरिया ने ये तक कह दिया कि आपकी हैसियत 3 हजार रुपए वाले स्कूल में पढ़ाने की नहीं तो, 700 रुपए फीस वाले स्कूल में पढ़ाए. इस बयान से नाराज अभिभावकों ने संतोष राजोरिया से माफी मांगने को कहा.इस हंगामे के बीच कोई नतीजा नहीं निकल सका.
काफी देर तक चले हंगामे के बाद एसडीएम आशुतोष गोस्वामी की समझाइश के बाद मामला शान्त हुआ. अभिभावक संघ सचिव शिल्पा गुप्ता ने कहा कि स्कूल संचालक फीस जमा किए जाने के लिए वाट्सएप पर मैसेज भेज कर दबाव बना रहे हैं. वहीं अभिभावक संघ अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए जितना समय पढ़ाया जा रहा है, उतनी फीस ली जाए. वास्तविक रूप से कक्षा लगाएं जाने पर पूरी फीस लेने की बात भी कही.
स्कूल संचालक चेतन यादव ने अभिभावकों से कहा कि अप्रैल, जून, जुलाई की फीस माफ कर सकते हैं. बाकि फीस जमा करना आपकी नैतिक जिम्मेदारी है. स्कूल का मेटनेंस करना, शिक्षकों का वेतन, बिजली का बिल जमा करना बेहद ही जरूरी है. ये सब बिना फीस के संभव नहीं है.