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बारदाने की कमी किसानों के लिए बनी मुसीबत का सबब, तुलाई नहीं होने से परेशान है अन्नदाता

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Published : May 28, 2020, 8:54 PM IST

मध्यप्रदेश, लॉकडाउन के तीन महीने बाद भी कोरोना की मार झेल रहा है. जिससे पूरे प्रदेश में अर्थव्यवस्था बिगड़ गयी है. वहीं कोरोना जैसी बीमारी किसानों के लिए भी बड़ी मुसीबत साबित हुई है. जैसे-तैसे गेहूं की खरीदी शुरू हुई तो अब बारदान की कमी किसानों की परेशानी बढ़ा रही है. पढ़िए पूरी खबर....

Tractors in line of procurement center
खरीदी केंद्र की लाइन में लगे ट्रैक्टर

उज्जैन। जब से लॉकडाउन किया गया है तब से किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है. पूरे प्रदेश में 15 अप्रैल से ही खरीदी शुरू कर दी गयी, लेकिन उज्जैन, इंदौर और भोपाल में रेड जोन होने के कारण यहां किसानों की उपज खरीदी 22 अप्रैल से शुरू ह पायी. ऐसे में किसानों के सामने शुरू से ही अपनी उपज बेचने को लेकर परेशानी आयी है.

बारदाना की कमी के चलते नहीं तुल रही फसलें

महिदपुर तहसील के बेजनाथ सोसायटी में सरकारी गेहूं की खरीदी चलने के 20 दिनों बाद से ही किसानों की उपज तोलने के लिए बारदाने की कमी आना शुरू हो गयी. जिसे किसानों की बीते एक महीने में आधी भी उपज नहीं तुल पाई है और अब किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी है.

किसानों को अपनी उपज तोलने के लिए कड़ी धूप में 5 से 6 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. मामले में सोसायटी के प्रबंधक ने कहा कि वे बारदान की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन सोसायटी में किसानों की उपज तोलने के लिए पर्यापत बरदान नहीं मिल पा रहा है, जिससे कई बार खरीदी भी रोकनी पड़ जाती है.

वहीं किसानों ने सरकार द्वारा खरीदी केंद्र की तारीख बढ़ाकर 15 जून तक करने की मांग की है. जिससे किसानों की उपज पूर्ण रूप से तुल सके. किसानों ने चेतावनी दी है कि समय रहते फसल नहीं खरीदी गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और इसकी जिम्मेदार सरकार होगी.

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