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लोक अदालत में मामले का निपटारा, सैनिक की पत्नी को मिला 75 लाख का इंश्योरेंस क्लेम

उज्जैन में लोक अदालत ने एक इंश्योरेंस क्लेम के मामले का निपटारा करते हुए सैनिक के परिजनों 75 लाख का इंश्योरेंस क्लेम दिलवाया है. 2018 में सड़क हादसे में जवान की मौत हो गई थी.

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सैनिक की पत्नी को मिला 75 लाख का इंश्योरेंस क्लेम

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Published : Jan 30, 2021, 6:07 PM IST

उज्जैन। जिला लोक अदालत में यूं तो कई छोटे-बड़े मामलों का निपटारा किया जाता है. लेकिन कुछ मामले ऐसे भी आ जाते हैं, जो यादगार बन जाते हैं. ऐसा ही एक मामला उज्जैन की जिला कोर्ट में चल रही लोक अदालत में सेना के जवान से संबंधित आया. जिसकी मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई थी. आज कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी से राजीनामा कराकर शहीद के परिजनों को 75 लाख रुपये का क्लेम दिलवाया है.

सैनिक की पत्नी को मिला 75 लाख का इंश्योरेंस क्लेम

टैंक चलाता था जवान

सैनिक का नाम राजू वर्मा है. जो 56 आर्म्स रेजीमेंट उत्तर प्रदेश के बबीना कैंट में सोवर के पद पर पदस्थ था. नवंबर 2018 को राजू छुट्‌टी पर अपने गांव खुरचनिया प्रताप आया था.11 नवंबर 2018 को उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

परिजनों ने मांगा था क्लेम

सैनिक की मौत के बाद पत्नी बिंदू, मृतक राजू के दोनों बच्चे और माता-पिता ने अदालत में बीमा कंपनी के खिलाफ याचिका लगाई थी. उन्होंने बताया कि बीमा कंपनी को जरूरी कागजात मुहैया कराए गए. बीमा कंपनी ने शनिवार को विशेष लोक अदालत में क्लेम राशि के भुगतान पर सहमति दी है.

सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि

इंश्योरेंस कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गुप्ता, डिवीजिनल मैनेजर अरुण केवलिया और एक विधि अधिकारी ने प्रकरण के अनुरूप मामले के निराकरण में विशेष रूचि ली थी.दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हुआ. इस तरह उज्जैन के इतिहास में पहली बार किसी इंश्योरेंस क्लेम के मामले में 75 लाख रूपए राशि अवार्ड हुई है. इसके लिए परिजनों ने भी इंश्योरेंस कंपनी का धन्यवाद किया है. वहीं जिला जज ने इसे सैनिकों के सम्मान से जोड़ा है.

टॉप 4 में उज्जैन

बता दें लोक अदालत के द्वारा मामलों के निपटारे में उज्जैन मध्यप्रदेश के टॉप के चार जिलों में शामिल रहा है. शनिवार को लोक अदालत में बीमा कंपनियों के 25 मामलों का निराकरण किया गया. जिसमें करीब सवा करोड़ की राशि के अवार्ड पर सहमति बनी है.

जिला जज नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के बाद न्यायालय में सुनवाई बंद हो गई थी. 18 जनवरी से एक बार फिर से सभी अदालतों में कामकाज शुरू हो गया है. उज्जैन की सभी अदालतें पूरी क्षमता के साथ लंबित मुकदमों की तेजी से सुनवाई कर मामलों के निपटारे में लगी हैं.

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