उज्जैन।धार्मिक नगरी उज्जैन से प्रभु श्री राम का गहरा नाता रहा है. यहां कई ऐसे स्थान हैं जो श्री राम की कथाओं से जुड़े हुए हैं. इन्ही में से एक स्थान शहर के अंकपात मार्ग में विष्णु सागर किनारे श्री राम-जनार्दन मंदिर के नाम से है. यहां भगवान राम की दाढ़ी मूछ और वनवासी रूप में काले पत्थर की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है. इतना ही नहीं हनुमान जी की भी ब्राह्मण रूप में एक प्रतिमा है. अब इस जगह को लेकर एक नए विवाद ने जन्म लिया है क्योंकि मंदिर में एंट्री मुस्लिम समाज की हुई है और साधु संत सहित हिंदू संगठनों ने इसको लेकर विरोध जताया है. (Ujjain Shri Ram Dharamshala controversy ) साथ ही मंदिर के पुजारी ने भी इस बात को लेकर स्पष्टीकरण दिया है.
बैनर से मचा बवाल:मंदिर परिसर में जो धर्मशाला है उसमें शेख परिवार द्वारा जमदिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. (Ujjain Shaikh family organized Program) बाकायदा धर्मशाला के मुख्य द्वार पर बैनर लगाया गया था. "शेख फैमिली आपका तहेदिल से इस्तकबाल करती है" इसी के पास धर्मशाला की खिड़की पर श्री राम जनार्दन मंदिर धर्मशाला बुकिंग के लिए संपर्क करें का बोर्ड लगा है. मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं की नजर पड़ी तो फोटो वीडियो भी वायरल कर दिए. जैसे ही मामला हिन्दू संगठन और साधु संतों के पास पहुंचा बवाल मच गया.
सुरक्षाकर्मी को हटाने की मांग:विहिप के पदाधिकारी अंकित चौबे ने कहा कि मंदिर के सुरक्षाकर्मी ने पहले भी इस तरह की हरकत की है. जिसको लेकर मंदिर के पुजारी से सुरक्षाकर्मी को हटाने की मांग की है. सुरक्षाकर्मी ने अनुमति दी थी और उसका नाम सत्यनारायण बताया गया था. मामले को लेकर परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने विरोध जताया और कहा कि, मंदिर में कैसे अन्य धर्म के लोगों को आयोजन की अनुमति दी गई. जिनका खान-पान, जिनका नियम कानून सनातन धर्म से अलग है उनके लिए अलग स्थान ही सही है. मंदिर हमारी आस्था का खास केंद्र है. यहां किसी अन्य धर्म के लोगों को षड़यंत्र पूर्वक हम नहीं घुसने देंगे. मंदिर के पुजारी रूपम व्यास ने कहा कि, 3-4 दिन के लिए परिवार बाहर गया हुआ था. इस बीच सुरक्षा गार्ड सत्यनारायण द्वारा इस कृत्य को किया गया. जिस मुस्लिम परिवार का आयोजन था. उसकी अनुमति रद्द कर उनसे जो शुल्क लिया सुरक्षा गार्ड द्वारा लिया गया है.अब वह उन्हें लौटा कर धर्मशाला भी तत्काल खाली करवा ली गई है.