उज्जैन।बाबा महाकाल मंदिर में महाकाल लोक के निर्माण के दौरान मिले एक दबे मंदिर के पुराने अवशेष को लेकर पुरातत्व विभाग मंदिर का निर्माण करेगा. पुरातत्व विभाग इस मंदिर के पुन: निर्माण के जरिए श्रद्दालुओं को मंदिर की प्राचीनता के बारे में जानकारी देगा. जो आने वाले समय में आकर्षण का केंद्र रहेगा. इस मंदिर की लागत करीबन 65 लाख रुपए बताई जा रही है.
दरअसल, जब मंदिर प्रांगण में महाकाल लोक के निर्माण कार्य चल रहा था. उसी दौरान महाकाल मंदिर के शिखर के सामने खुदाई की गई. उस खुदाई के दौरान करीबन 25 से 30 फीट जमीन के अंदर पुराने मंदिर के अवशेष मिले थे. इसके बाद पुरातत्व विभाग ने खुदाई कर अवशेष प्राप्त किए. इसके बाद उन्हें उसी जगह पर रख दिया गया. जब मंदिर के साधुओं को इस बात की जानकारी लगी, तो उन्होंने वहीं, मंदिर बनाने के लिए मोर्चा खोल दिया. जहां ये मंदिर के अवशेष मिले, उसी जगह पर एक बड़ा शिवलिंग भी मिला था. उसी के बाद उस जगह पर खुदाई का काम आगे बढ़ाया गया था. ये सारी प्रक्रिया मध्य पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी डॉ. ध्रुवेंद्र जोधा के निर्देशन में की गई थी.
प्राचीनकाल से पौराणिक वैभव ओढ़े है उज्जैन: बाबा महाकलेश्वर की नगरी प्राचीन काल से पौराणिक गाथाओं का वैभव ओढ़े है. यहां वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण, सीता, उज्जैन आए थे. इनके अलावा श्री कृष्णा , बलराम, और सुदामा अपनी पढ़ाई के लिए उज्जैन आए थे. वही राजा भर्तृहरि ने उज्जैन में तपस्या की थी. राजा विक्रमादित्य के नाम विक्रम सावंत चलता है. ऐसे अनेको इतिहास उज्जैन नगरी से जुड़े मिलते हैं.
अब महाकाल लोक के निर्माण कार्य के समय खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर निकला. ये मंदिर हजारों साल पुराना बताया जा रहा है. अगले कुछ दिनों में यहां निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा. मंदिर निर्माण के लिए छह महीने से एक साल का समय लग सकता है. महाकाल मंदिर में एक प्राचीन मंदिर की झलक भी देखने को मिलेगी. यह आने वाले श्रद्धालुओं को उज्जैन का इतिहास जानने और देखने को मिलेगा.