उज्जैन महाकाल मंदिर में ठगी करने वाला गिरोह धराया, गिरफ्त में 7 आरोपी
महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं से ठगी करने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले पर एएसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि यह खेल बीते 5 से 6 महीनों से चल रहा था.
उज्जैन महाकाल मंदिर में भस्म आरती पर ठगी
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Published : Apr 18, 2023, 10:52 PM IST
एएसपी अभिषेक आनंद
उज्जैन।महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नाम पर 16 अप्रैल को श्रद्धालुओं से ठगी कर फर्जी परमिशन में नाम एडिट कर श्रद्धालु को दे दी थी. वहीं महाकाल मंदिर की तरफ से महाकाल थाना पुलिस को शिकायत की थी, जिस पर से पुलिस ने ठगी करने वाले 7 आरोपियों को पुलिस ने 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया और वहां से उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की गई है. इस मामले में आरोपी मंदिर के गार्ड, कर्मचारी, पुजारी व अन्य बाहरी लोग एजेंट शामिल थे. आरोपियों की संख्या और भी बढ़ सकती है. आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, 6 मोबाइल, नकदी व अन्य सामग्री बरामद की गई है.
टिकट चेक करने के दौरान सामने आया मामलाःमामले में एएसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि 16 अप्रैल को भस्म आस्ती दर्शन करने मंदिर के प्रवेश द्वार 1 पर पहुंचे दिल्ली से आए श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा व दिशांत गेरा का टिकट चेक करने के दौरान मामला सामने आया. टिकट बार कोड स्कैन किया तो वो किसी और व्यक्ति का निकला, जिस पर श्रद्धालुओं ने मंदिर समिति से इसकी शिकायत की. मामले में मंदिर समिति की शिकायत पर धारा 420 में प्रकरण दर्ज कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, अब तक कुल 7 आरोपी को गिरफ्त में ले लिया है. एएसपी ने बताया कि आरोपी पुराने टिकट एडिट कर नए टिकट बनाते थे. इसमें सभी की मिलीभगत थी. अभी तक विगत 5 महीने की जानकारियां हाथ लगी है. पुराना रिकॉर्ड भी देखा का रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है.
आरोपियों के नाम
पवन शर्मा (बाहरी पंडित)
मृत्यंजय कुमार (महाकाल मंदिर पुजारी)
शेखर तिवारी (बाहरी व्यक्ति एजेंट)
गौरव शर्मा (KSS सिक्योरिटी गार्ड)
विशाल शर्मा (KSS सिक्युरिटी गार्ड)
विपिन मकवाना (KSS सिक्योरिटी गार्ड)
हर्ष घारिया (टिकट एटिट करने वाला कर्मचारी)
टोल फ्री नंबर से ले मंदिर की जानकारीः इस मामले में महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने स्पष्ट किया है कि उज्जैन महाकाल मंदिर से जुड़ी कोई भी जानकारी जैसे आरती, दर्शन, इमरजेंसी, मेडिकल व अन्य बातों से चाहिए तो दर्शनार्थी मंदिर के टोल फ्री नंबर 18002331008 पर कॉल कर ले सकते है. मंदिर समिति हमेशा से कहती आई है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में आकर पैसों का लेनदेन ना करें, जो आरोपी पकड़ाए हैं, वह मंदिर के कर्मचारी पुजारी व अन्य हैं.
किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से रहें सावधानः मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सावधान रहें. मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता और प्रवेश द्वार 01 से प्रवेश दिया जाता है. साथ में उन्होंने कहा कि गर्भ गृह में दर्शन के लिए मंगलवार से शुक्रवार दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक निर्धारित है. शनिवार से सोमवार तक प्रवेश भीड़ अधिक होने के कारण नहीं दिया जाता. हां किसी को आम श्रद्धालुओं के अलावा अलग से वीआईपी प्रवेश द्वार से प्रवेश करना है तो उसके लिए शीघ्र दर्शन 250 रुपये शुल्क, गर्भ गृह में दर्शन के लिए 750 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क है और भस्मारती के लिए 200 रुपये शुल्क तय है.
3 श्रद्धालुओं के 4500 रुपये ऐंठेः दिल्ली से आए श्रद्धालुओं से जब पूछताछ की गई तो मंदिर समिति को पता चला श्रद्धालु शिप्रा नदी के नरसिंह घाट पर काल सर्प दोष पूजन करवाने वाले पवन पुजारी के संपर्क में आए. पवन ने मंदिर के मृत्युंजय पुजारी का नंबर दिया और कहा कि यह आप की भस्म आरती टिकट बुक करवा देंगे. श्रद्धालुओं ने मृत्युंजय को कॉल किया और मृत्युंजय ने 3 श्रद्धालुओं के 4500 रुपये ऐंठ लिए. मामले में मंदिर समिति की शिकायत पर पवन और मृत्युंजय के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज कर महाकाल थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
मंदिर के कर्मचारियों की सांठगांठ से होता था कार्यः पुजारी मृत्युंजय ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मंदिर के कर्मचारियों की सांठगांठ से वह यह कार्य करता था. मृत्युंजय मंदिर के टिकट बनाने वाले कर्मचारी के संपर्क में था. टिकट बनाने वाला कर्मचारी किसी भी एक टिकट को उठाकर एडिट कर देता और मंदिर के गेट पर चेक करने वाले को बता देता था कि इस नाम का व्यक्ति दर्शन को आएगा उक्त व्यक्ति का टिकट चेक किए बिना उसको परमिशन दे देनी है.
5 से 6 महीनों से चल रहा ये खेलःएडिशनल एसपी के अनुसार इस प्रकार से यह खेल बीते 5 से 6 महीनों से चल रहा था. हालांकि एक लंबे वक्त से ये खेल चल रहा है और पूर्व में भी कई आरोपी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन टिकट एडिट करने वाला टिकट के अंदर का बारकोड एडिट नहीं कर पाता. मंदिर समिति ने टिकट में बारकोड की व्यवस्था बीते दिनों से ही की है. जैसे ही एंट्री गेट पर बारकोड स्कैन होता है तो वह श्रद्धालुओं को वेरीफाई करता है, लेकिन इस मामले में बारकोड श्रद्धालुओं को वेरीफाई नहीं कर पाया और यह गिरोह पकड़ में आ गया.