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Ganesh Utsav Special: उज्जैन से 8 KM दूर है ये मंदिर, यहां भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी, उल्टा साथिया बनाकर मांगते हैं मन्नत

उज्जैन समेत पूरे देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. आज हम उज्जैन के चिंतामणि गणेश मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां कभी भगवान राम ने पूजा की थी. आइए जानते हैं, और इस मंदिर को लेकर और क्या प्रचलित है.

Ganesh Utsav Special 2023
उज्जैन का चिंतामणि गणेश मंदिर

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 6:09 PM IST

उज्जैन का चिंतामणि गणेश मंदिर, इसकी स्थापना भगवान राम ने की थी

उज्जैन।शहर के 8 किलोमीटर दूर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर है. यहां पर चिंतामणि मंदिर में इच्छा मन, मंछमन और सिध्दी-विनायक की मूर्ति स्थापित है. गणेश चतुर्थी के समय उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में हजारों लाखों की संख्या में 9 दिनों तक श्रद्धालु भगवान चिंतामन के दर्शन के लिए आएंगे. वहीं लाखों लड्डुओं का भोग लगाया गया है. इसी के साथ यहां पर आने वाले श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर आते हैं. जैसे किसी की शादी नहीं होना, किसी के बच्चे नहीं होना, किसी का व्यापार नहीं चलना, किसी का घर नहीं होना ,और शादी के लग्न भी दिखाए जाते हैं.

मन्नत मांगने के लिए ये है परंपरा: जब मन्नत पूरी हो जाती है, तो श्रद्धालु यहां पर पहले तो उल्टा साथिया बनकर जाते हैं. इसके बाद मन्नत पूरी होने पर सीधा साथिया बनाते हैं. इसके साथ ही मन्नत के लिए धागा भी बंद कर जाते हैं.

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यहां भगवान राम-लक्ष्मण-सीता पहुंचे थे:दरअसल, उज्जैन से 8 किलोमीटर दूर स्थित चिंतामणि मंदिर जहां पर भगवान राम लक्ष्मण सीता वनवास के दौरान उज्जैन पहुंचे थे. जब माता सीता को प्यास लगी तो लक्ष्मण जी ने अपने बाण से यहां पर बाढ़ गंगा का उत्पन्न किया था. इसके बाद माता सीता ने अपनी प्यास लक्ष्मण बावड़ी से बुलाई थी. वहीं, राम जी लक्ष्मण जी और सीता जी ने एक-एक मूर्तियों की स्थापना की थी.

इसमें राम जी ने (इच्छा मन), लक्ष्मण जी (मंछमन) और सीता जी ने सिद्धिविनायक की स्थापना की थी. माना जाता है कि यहां दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूर्ण हो जाती है. यहां भगवान तीन रूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं, जिसमें इच्छा मन, मंछमन और सिध्दीविनायक की मूर्ति स्थापित है.

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