उज्जैन। शहर के थाना महाकाल क्षेत्र अंतर्गत रामघाट मार्ग स्थित सीरवी समाज के ही योगमाया मंदिर से जुड़ी 0.376 हैक्टर जो की करीब पोने दो बीघा कब्जे की जमीन है, मामले में न्यायालय ने जमीन मालिक पक्षकार आदित्य माधवराव चिटनिस के पक्ष में फैसला किया है. फैसला आने से जमीन पर कब्जा कर सालों से मंदिर व मकान बना कर रह रहे लगभग 105 मकानों के रहवासियों में हड़कंप मच गया है. दरअसल हड़कंप उस वक्त मचा जब जिला न्यायालय की और से नायब नजीर अनिल वर्धे और न्यायालय के अन्य कर्मी कब्जा छुड़ाने मौके पर पहुंचे. जहां लॉ ऑर्डर के लिए पुलिस बल भी तैनात रहा.
प्रशासन ने जब्त की चाबियां:हालांकि रहवासियों की और से विरोध देखने को नहीं मिला. रहवासी कलेक्टर कार्यालय अपनी बात रखने जरूर पहुंचे, लेकिन देर शाम होने से कोई अधिकारी नहीं मिल पाया. वहीं 9 मकान मालिकों ने पहले दिन स्वचेछा से घर खाली कर दिया. नायब नजीर ने बताया 17 जनवरी को आदेश आया था, 20 जनवरी तक जमीन कब्जा मुक्त करवाना है. आज करवाई शुरू की है और जो घर खाली हुए उन्हें सील कर चाबियां जब्त में ली गई, ये करवाई लगभग 105 मकानों के खाली होने तक जारी रहेगी, मंदिर को लेकर अभी कोई आदेश नहीं हैं.
जमीन छुड़ाने पहुंचा प्रशासन आंगनवाड़ी और स्कूल के करीब 500 बच्चों पर संकट:जमीन के कब्जे में एक 12वीं कक्षा तक का स्कूल भी है. जिसके डायरेक्टर महेंद्र कुमार पाटीदार ने बताया हमें कोई नोटिस नहीं मिला है. सीधा टीम आई और दरवाजे पर लॉक लगाकर सील लगा दी. अब स्कूल में पढ़ने वाले करीब 400बच्चों के लिए बिल्डिंग की व्यवस्था कहां होगी, कल तो छुट्टी के लिए बोल दिया है, लेकिन कोई बच्चा जानकारी के अभाव में आ जाता है, दूर ग्रामीण क्षेत्र से तो उसको कहा बैठाएंगे. वहीं क्षेत्र में एक आंगनबाड़ी है, जो किराए पर एक घर में संचालित हो रही थी, उसे भी खाली करवाकर लॉक कर सील लगाई गई है. इसी तरह क्षेत्रीय रहवासियों ने इतना कहा हमें कोई नोटिस नहीं मिला, कोई प्रशासनिक अधिकारी या कोई भी हमसे बात करने नहीं आया. बस ये टीम आई और मकान खाली करवाने लगी.
जानिए पूरा मामला: दरअसल ये पूरा मामला आदित्य पिता माधवराव चिटनिस नाम के व्यक्ति व सीरवी समाज के शंकरलाल के बीच का है. आदित्य चिटनिस परिवार का आरोप था कि सन 80 के दशक में मंदिर योगमाया और उस क्षेत्र में उक्त 0.376 हैक्टर उनकी जमीन सिरवी समाज के शंकरलाल द्वारा चिटनिस परिवार के मुखिया के फर्जी सिग्नेचर कर जमीन के दस्तावेज अपने नाम (कब्जा) कर लिए थे. उसी को लेकर हम न्यायालय की शरण में गए. वर्ष 2004 में बमुश्किल प्रकरण सिरवी समाज के शंकरलाल (कब्जा करने वाले) के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हुआ. ये मामला जब से ही न्यायालय में चल रहा है. कब्जा धारियों ने सेशन, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सब जगह प्रयास किया जमीन को लेकर लेकिन आज करीब 19 साल बाद फैसला हमारे चिटनिस परिवार के पक्ष में आया है. अब इस बीच जिन लोगों ने मकान बना लिए जमीन पर उनके मकान खाली करने को लेकर ये करवाई कोर्ट द्वारा की जा रही है.