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दुनिया को पानी बचाने का संदेश देगा उज्जैन, महाकाल लोक में तैयार हो रहा है देश का पहला जल स्तंभ

उज्जैन में 27 से 29 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन (international water conference) होने वाला है. इस मौके पर देश का पहला जल स्तंभ यहां स्थापित होगा. क्योंकि बाबा महाकाल को जल अति प्रिय है. साथ ही देश-दुनिया को पानी बचाने का खास संदेश देना भी है.13 फीट ऊंचे इस स्तंभ पर चारों वेदों की ऋचाओं को चांदी की कारीगरी से उकेरा जाएगा.

Country first water column in Ujjain
उज्जैन में देश का पहला जल स्तंभ

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Published : Dec 22, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Dec 22, 2022, 7:35 PM IST

उज्जैन में देश का पहला जल स्तंभ

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सुजलाम अंतराष्ट्रीय जल महोत्सव सम्मेलन का मुख्य आयोजन सुमंगलम पंचमहाभूत अभियान के तहत 27,28 और 29 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है (water conference on 27 to 29 december). यह अभियान भारत सरकार के सहयोग और दीनदयाल शोध संस्थान व मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित हो रहा है. इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य है श्री महाकाल की नगरी में देश का पहला जल स्तंभ बनाना (india first water pillar established in ujjain), क्योंकि बाबा महाकाल को जल अति प्रिय है. साथ ही देश-दुनिया को पानी बचाने का खास संदेश देना भी है. मंदिर में देश ही नहीं दुनिया भर से भक्त पहुंचते हैं. मंदिर में पत्थर से बने 13 फिट ऊंचे व 2 फिट व्यास के 60 किलो चांदी से जड़ित स्थापित स्तंभ का 28 दिसंबर को मोहन भागवत अनावरण करेंगे. स्तंभ पर चार वेदों की ऋचाएं होगी, जिसके लिए परायण व अन्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से ही श्री महाकाल मंदिर में जारी है.

आयोजन में शामिल होंगी कई हस्तियां:दरअसल आयोजन को लेकर गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता हुई. आयोजकों ने विस्तार से कार्यक्रम की रूप रेखा बताई और कहा कि 5 दिसंबर से 27 तक और 27 दिसंबर से 29 तक आयोजन होने हैं. 27 से 29 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कनेरी मठ के मठाधीपति स्वामी अदृश्य काड सिद्धेश्वर महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित कई विद्वान व संतों की उपस्थिति रहेगी (many celebritie participate in ujjain event). महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में सुमंगलम्, सुजलाम् जल महोत्सव 'चतुर्वेद-पारायण का आयोजन सोमवार 5 दिसम्बर से जो शुरू हुआ है, उस कार्यक्रम में चारों वेद का सस्वर पारायण 11 दिसंबर तक हुआ, इस दौरान भारत भर वेद विद्वान शामिल हुए. इसके बाद शुक्ल यजुर्वेद मध्यादिनीय शाखा पारायण 12 से 17 दिसंबर तक हुआ, सामवेद कौथुम शाखा का पारायण 18 से 22 दिसंबर तक और अर्थव वेद शौनक शाखा का पारायण 23 से 27 दिसंबर तक चलेगा. पहले दिन गणेश पूजन, पुण्यावाचन और मुख्य कलश पर वेद भगवान की स्थापना कर वेद पारायण प्रारंभ किया गया था. अब आगे होने वाले कार्यक्रम विस्तार से जानिए.

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20 से 30 दिसंबर के सभी कार्यक्रम विस्तार से

  • 20 से 24 दिसंबर तक जलतत्व पर कलसंगम में प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा चित्रांकन कर कलाकृतियों का निर्माण किया जाएगा. कलाकृतियों को प्रदर्शनी के रूप में आयोजन स्थल सांवेर रोड स्त्तिथ मुख्य आयोजन स्थल पर होगा.
  • 24 से 30 दिसंबर तक सृजन हस्तशिल्प मेला और प्रदर्शनी का आयोजन मप्र. जन अभियान परिषद संस्कृति विभाग मप्र. शासन तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण और मप्र. खादी ग्राम उद्योग के समन्वय से मुख्य आयोजन स्थल पर किया जाएगा. जिसमें प्रदेशभर के सृजनात्मक हस्तशिल्पियों का प्रदर्शन रहेगा. हर रोज सृजन मेला मैदान में 24 से 28 दिसंबर शाम 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.
  • 25 दिसंबर को वेद वेदांग जलतत्व पर सम्मेलन में प्रख्यात वैदिक विद्वानों की मौजूदगी में तीर्थ व मेला प्राधिकरण, जन अभियान परिषद व महर्षी पाणिनि संस्कृत और वैदिक विश्व विद्यालय के समन्वय में स्वामी नारायण आश्रम में किया जाएगा.
  • 26 दिसंबर को 313 लघु नदियों और देश की प्रमुख नदियों का जल लेकर आयोजक जलागम कलश यात्रा निकालेंगे, जो कि शहर के सामाजिक न्याय परिसर से उज्जैन के श्री राम घाट पर संपन्न होगी और पुण्य सलिला शिप्रा नदी व महाकाल मंदिर के कोटि तीर्थ में सभी नदियों के जल को प्रवाहित किया जाएगा.
  • 27 दिसंबर को दोपहर 03 बजे सीएम शिवराज, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, स्वामी अदृश्य काड सिद्धेश्वर महाराज मठाधिपति कनेरी मठ (कोल्हापुर) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सरकार्यवाहक सुरेश भैया जी जोशी की उपस्थिति में पर्यावरण व भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंचमहाभूत के जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम का उद्घाटन किया जाएगा.
  • 28 दिसंबर को सारस्वत सत्र दोपहर 03:30 बजे डॉ मोहन भागवत सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल जो कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण के अध्यक्ष हैं, साथ ही परम पूजनीय स्वामी अदृश्य काड सिद्धेश्वर महाराज की मौजूदगी में पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंचमहाभूत जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम के सारस्वत सत्र में उपस्थिति रहेगी.
  • 29 दिसंबर दोपहर 2:00 बजे केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री गोवा प्रमोद सावंत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सर कार्यवाहक सुरेश भैया जी जोशी की उपस्थिति में पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंचमहाभूत के जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम का समापन होगा.
Last Updated : Dec 22, 2022, 7:35 PM IST

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