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Ujjain Mahakaleshwar Temple: बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार, मस्तक पर बना त्रिपुण्ड और त्रिसर नेत्र

उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान का शनिवार को भांग, चंदन और अबीर से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. वहीं मस्तक पर त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र और रुद्राक्ष की माला और आभूषण धारण कराए गए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई.

ujjain mahakaleshwar temple
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर

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Published : Feb 25, 2023, 7:34 AM IST

उज्जैन।महाकालेश्व मंदिर में भस्म आरती प्रातः काल 04:00 बजे शुरू होती है. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो जाते हैं.

उज्जैन महाकाल भस्म आरती

राजा रूप में महाकाल का हुआ श्रृंगार:भगवान महाकाल की भस्मारती में चन्दन से श्रृंगार कर आज महादेव को राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. आभूषण धारण कराए गए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. महाकाल को सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. वही गुलाब के फूलों की माला व आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. मस्तक पर त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र, रुद्राक्ष की माला और आभूषण धारण कराए गए. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगते है. राज के रूप में महाकाल का श्रृंगार किया जाता है. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए.

25 फरवरी 2023 को बाबा महाकाल का श्रृंगार

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भस्म आरती के लिए लगती है लंबी लाइन: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं तो श्रद्धालुओं को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक कर के जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पांडे, पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं. भगवान महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर शुरू होती है भस्म आरती. जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं.

बाबा महाकाल नंदी भगवान

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