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Ujjain Mahakaleshwar Temple: भस्मारती में राजा बने बाबा महाकाल, मस्तक पर धारण किया चांदी का त्रिपुण्ड

गुरुवार को उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान का आज भांग, चंदन और अबीर से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया और मस्तक पर कुंदन जड़ा चांदी का त्रिपुण्ड, चांदी का चन्द्र व आभूषण धारण कराए. (Ujjain Mahakaleshwar Temple) भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई और उन्हें विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

baba mahakal makeup on 2 february 2023
बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार

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Published : Feb 2, 2023, 8:36 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार को प्रातः काल 3:00 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा राजाी के रूप में अद्भुत श्रृंगार किया गया. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. (Ujjain Mahakaleshwar Temple)

बाबा महाकाल की भस्मारती

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार:भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अबीर भांग और चंदन से राजा के रूप में रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, भांग, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान ने मस्तक पर कुंदन जड़ा चांदी का त्रिपुण्ड, चांदी का चन्द्र व आभूषण धारण किये. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम, कलरफुल वस्त्र सहित तमाम वस्तुएं शामिल रहीं. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार

Ujjain Mahakaleshwar Temple: बाबा महाकाल ने गणेश जी के रूप में दिए दर्शन, मस्तक पर धारण किया चांदी का त्रिपुण्ड

भस्मारती के लिए लगी भक्तों की लाइन:उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं और श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्रोचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत का अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग और अविर, चन्दन से हरि हर के रूप में श्रृंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं.

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