उज्जैन। जब से श्री महाकाल महालोक बना है, श्रद्धालु की संख्या नगरी में और अधिक हो गई है. अब श्रद्धालु 1 दिन के लिए नहीं कम से कम 2 से 3 दिन के लिए नगरी में ठहरते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा से लेकर रहने खाने-पीने की व्यस्थायें कितनी चाक चौबंद है, इस बात का अंदाज आप आये दिन हो रही श्रद्धालुओं के साथ महाकाल मंदिर के बाहर रसीद के नाम पर कालाबाजारी से लेकर उनके ठहरने वाले होटल लॉज के नाम पर ऑनलाइन ठगी से लगा सकते हैं (fraud case in Mahakal temple). दरअसल उड़ीसा के श्रद्धालु ने थाना महाकाल पर आवेदन दिया कि उनके साथ 9 हजार रुपए के होटल में दो कमरे की बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी हुई. वहीं मुम्बई से आये श्रद्धालु ने 1500 का टिकट मजबूरन 2000 में खरीदा. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भस्मा आरती के वक्त अल सुबह मंदिर के बाहर कई दलाल एक्टिव रहते हैं, जो मंदिर में भस्म आरती दर्शन करवाने के नाम पर भी टिकट की कालाबाजरी करते है, हालांकि उड़ीसा के श्रद्धालु की शिकायत पर पुलिस जांच में जुट गई है.
जानिए कौन है श्रद्धालु: दरअसल उड़ीसा के जिन श्रद्धालु के साथ ये ऑनलाइन ठगी हुई. उन्होंने थाना महाकाल पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि वे 60 वर्षीय बुजुर्ग प्रोफेसर देवदत्त पिता रामनाथ पात्र हैं और उड़ीसा के निवासी हैं. उज्जैन आने से पहले 17अक्टूम्बर को ऑनलाइन एक होटल सर्च की, जिसमें भक्त निवास के नाम से होटल में 2 कमरे 4500-4500 में बुक किए. बुकिंग के दौरान बताया कि मंदिर के समीप ही भक्त निवास है, लेकिन यहां आए तो उन्हें बुकिंग के समय उनके साथ 9000 रु का फ्रॉड होने की बात पता चली. यह पूरा फ्रॉड फर्जी वेबसाइट पर फर्जी मोबाइल नंबर अपलोड कर कमरा बुकिंग करने का खेल है (Fraud with Odisha devotee). वहीं थाना महाकाल पुलिस ने कहा मामले में जांच कर रहे हैं.
1500 का टिकट 2000 में खरीदा:13 नवंबर को मुंबई महाराष्ट्र से आये श्रद्धालु के साथ 1500 के टिकट में कालाबाजारी हुई. श्रद्धालु गिरिजा शंकर मिश्रा ने बताया की गर्भ ग्रह में भगवान को जल चढ़ाना था. उन्हें एक व्यक्ति मिला जो ₹2000 में 15 की रसीद दे रहा था. उन्होंने मंदिर के काउंटर से रसीद ना मिलने पर ₹2000 की रसीद उक्त व्यक्ति से खरीद ली जिसका खुलासा उसने खुद किया और कहा कि दर्शन करना था, क्या करें ले लिया पता नहीं कौन था वो व्यक्ति.