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Ujjain Mahakal Lok : अद्भुत और विहंगम है 'महाकाल लोक' कॉरिडोर, वास्तु-शिल्प और मूर्ति कला से सराबोर, हाईटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के 'महाकाल लोक' का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर भारत में सबसे बड़े कॉरिडोर में से एक है. 'महाकाल लोक' का प्रमुख आकर्षण दो भव्य प्रवेश द्वार (Grand gateways Mahakal lok) हैं. जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभों का एक राजसी स्तंभ है. फव्वारों और कहानियों का चित्रण करने वाले 50 से अधिक भित्ति चित्रों का एक चल पैनल (Gushing fountains and running panel) शिव पुराण भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 11 अक्टूबर को 856 करोड़ रुपये की महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( CM Shivraj) ने इस मेगा कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया. आइए जानते हैं - कैसे अद्भुत और विहंगम है ये कॉरिडोर. (Grand gateways of Mahakal lok) (Many facets of Mahakal Lok) (Mahakal Lok corridor amazing) (Mahakal Lok corridor magnificent)

Ujjain Mahakal Lok
अद्भुत और विहंगम है महाकाल लोक का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर

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Published : Oct 10, 2022, 1:07 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 1:22 PM IST

उज्जैन।'महाकाल लोक' कॉरिडोर पुरानी रुद्रसागर झील के चारों ओर है, जिसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है. कॉरिडोर में दो राजसी प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, जो नंदी द्वार और पिनाकी द्वार हैं. ये द्वार प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार के लिए अपना रास्ता बनाते हैं और रास्ते में सौंदर्य के दृश्य प्रस्तुत करते हैं. राजस्थान में बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्राप्त बलुआ पत्थरों का उपयोग उन संरचनाओं के निर्माण के लिए किया गया है, जो गलियारे (कॉरिडोर) की खूबसूरती बढ़ाते हैं.

अद्भुत और विहंगम है महाकाल लोक का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर

कई राज्यों के शिल्पकारों की मेहनत :परियोजना की शुरुआत से ही जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों और शिल्पकारों ने कच्चे पत्थरों को तराशने और अलंकृत करने का काम किया है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि 2017 में शुरू हुई महत्वाकांक्षी परियोजना का मकसद प्राचीन मंदिर वास्तुकला के उपयोग के माध्यम से आगंतुकों को सभी सुविधाएं प्रदान करते हुए और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके उज्जैन के ऐतिहासिक शहर के प्राचीन गौरव पर जोर देना और फिर से जागृत करना है. इसका भौतिक और सांस्कृतिक मूल्य है. इसलिए कॉरिडोर में नियमित अंतराल पर त्रिशूल-शैली के डिजाइन पर सजावटी तत्वों के साथ 108 स्तंभ, सीसीटीवी और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है.

अद्भुत और विहंगम है महाकाल लोक का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर

कॉरिडोर में सुरक्षा व्यवस्था पर जोर :जनता के लिए कॉरिडोर खुलने के बाद भीड़ प्रबंधन के लिए घोषणाएं करने और भक्ति गीत बजाने के लिए पीए सिस्टम का उपयोग किया जाएगा. साथ ही मंदिर कॉरिडोर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है. उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि उज्जैन एक प्राचीन और पवित्र शहर है और पुराने हिंदू ग्रंथ महाकालेश्वर मंदिर के चारों ओर एक 'महाकाल वन' की उपस्थिति का वर्णन करते हैं. ये परियोजना उस प्राचीनता को पुनर्स्थापित नहीं कर सकती, जो सदियों पहले थी, लेकिन हमने गलियारे में स्तंभों और अन्य संरचनाओं के निर्माण में उपयोग की जाने वाली पुरानी ​​सौंदर्य वास्तुकला के माध्यम से उस गौरव को फिर से जगाने का प्रयास किया है. इसके साथ ही और कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी प्रजातियों को भी शामिल किया गया है. धार्मिक महत्व वाली लगभग 40-45 ऐसी प्रजातियों का उपयोग किया गया है, जिनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं.

अद्भुत और विहंगम है महाकाल लोक का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर

कॉरिडोर में चलेगी 11 सीटर गोल्फ कार्ट :कॉरिडोर के शुभारंभ अवसर पर होने वाले कार्यक्रम में भगवान शिव को समर्पित एक विशेष गान गायक कैलाश खेर द्वारा गाया जाएगा. उज्जैन स्मार्ट सिटी के सीईओ का मानना ​​है कि कॉरिडोर खुलने के बाद वर्तमान लोगों का उत्साह केवल बढ़ेगा और पर्यटकों की भीड़ बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अलंकृत स्तंभ, सुंदर दिखने वाले फव्वारे और भित्ति चित्रों में शिव पुराण के विभिन्न तत्वों के चित्रण दर्शकों के अनुभव को बढ़ाएंगे. कॉरिडोर में 108 खंभों की एक पंक्ति द्वारा 24-मीटर खंड को अलग किया गया है, जिसके शीर्ष पर लैम्पपोस्ट भी हैं. 12 मीटर चौड़ा पथ पैदल चलने वालों के लिए है और अन्य 12 मीटर भाग 53 भित्ति चित्रों वाली दीवार से सटे ई-वाहन (11-सीटर गोल्फ कार्ट), एम्बुलेंस और दमकल वाहन चलाने के लिए हैं, जो सभी गलियारे के अंदर तैनात होंगे.

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बड़े वाहनों की आवाजाही पर आसान :इसके साथ ही नंदी द्वार के पास एक आपातकालीन द्वार बनाया गया है. जरूरत के अनुसार बड़े वाहनों की आवाजाही यहां से हो सकेगी. परियोजना की कंसल्टेंसी फर्म के प्रबंधक अमित गुप्ता ने बताया कि गलियारे की परियोजना में एक विशाल मंडप भी शामिल है जिसका नाम त्रिवेणी मंडपम है. इसके केंद्र में भगवान शिव की एक मूर्ति और रुद्रसागर झील से सटे अन्य फव्वारे के साथ एक विशाल फव्वारा है. उन्होंने कहा कि लगभग 190 मूर्तियां, भगवान शिव और अन्य देवताओं के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं, जो गलियारे के झील के सामने हैं. 'महाकाल लोक' परियोजना में कारों और बसों के लिए एक बहुमंजिला पार्किंग स्थल, फूलवाले और अन्य दुकानें, सौर प्रकाश व्यवस्था, तीर्थयात्रियों के लिए एक सुविधा केंद्र, पानी की पाइपलाइन और सीवर लाइन सहित अन्य कार्य शामिल कराए गए हैं. एक प्रकाश और ध्वनि प्रणाली भी विकसित की गई है. परियोजना के दूसरे चरण पर काम चल रहा है

अद्भुत और विहंगम है महाकाल लोक का 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर

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Last Updated : Oct 10, 2022, 1:22 PM IST

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