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उज्जैन जेल में GPF घोटाला: जेल अधीक्षक उषाराज का भोपाल ट्रांसफर, हिमानी नरवले को सौंपा प्रभार

उज्जैन के केंद्रीय भेरूगढ़ जेल में हुए GPF घोटाले मामले में बड़ा अपडेट आया है. वित्तीय अनियमितता बरतने पर जेल अधीक्षक उषाराज का भोपाल ट्रांसफर कर दिया गया है. देवास जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे की केंद्रीय भेरूगढ़ जेल में तैनाती की गई है. बता दें कि जेल के सहायक लेखा अधिकारियों ने कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से करीब 15 करोड़ की राशि निकालकर गबन किया था.

Bhopal transfer of Jail Superintendent Usharaj
जेल अधीक्षक उषाराज का भोपाल ट्रांसफर

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Published : Mar 18, 2023, 9:08 AM IST

उज्जैन।केंद्रीय भेरूगढ़ जेल में हुए GPF घोटाले में अब तक जेल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भेरूगढ़ थाने में केस दर्ज हुआ है. घोटाला 13 करोड़ से बढ़कर 15 करोड़ हो गया है. घोटाले में जांच के बाद जेल अधीक्षक उषाराज द्वारा वित्तीय लापरवाही बरतने को लेकर उन पर गाज गिरी है. भोपाल से आए आदेश के मुताबिक, उषा राज को भेरूगढ़ जेल से हटाकर, भोपाल जेल मुख्यालय भेज दिया है. वहीं देवास की हिमानी मनवारे को केंद्रीय भेरूगढ़ जेल का प्रभार सौंपा गया है. बता दें कि इस घोटाले की जानकारी लगते ही जिन लोगों ने जिंदगी भर की पूंजी नौकरी कर इकट्ठा की थी उन लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारी भी लगातार अपने डूबे हुए पैसे की मांग करने लगे और जेल अधीक्षक को हटाने की मांग पर धरने पर भी बैठ गए थे.

उज्जैन जेल अधीक्षक को हटाया, नरवले को प्रभार: केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हुए करीब 15 करोड़ के GPF घोटाले का खामियाजा जेल अधीक्षक उषाराज को भुगतना पड़ा. जांच रिपोर्ट मिलने पर दिन भर के विचार के बाद गुरुवार रात जेल डीजी अरविंद कुमार ने उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए. उषाराज को हटने पर फिलहाल उनका प्रभार देवास जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे को दिया गया है. बताया जाता है कि दोपहर में जेल अधीक्षक उषाराज ने पारिवारिक कारणों से इंदौर जाने के लिए कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम से अनुमति मांगी थी. उन्होंने घोटाले की जांच के चलते इंकार कर दिया था. बावजूद वह दोपहर तीन बजे भोपाल चली गई थीं, इसकी सूचना मिलने पर भी आला अधिकारी नाराज हो गए थे.

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कर्मचारियों के खाते से निकाले 15 करोड़: बता दें कि जेल के सहायक लेखा अधिकारियों ने कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से करीब 15 करोड़ की राशि निकाल ली थी. रिपोर्ट में बताया गया कि उज्जैन कलेक्टर ने 11 मार्च 2023 को अवगत कराया था कि शासकीय सेवकों ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर GPF ट्रांजेक्शन प्रोसेस में राशि एक ही खाते में हस्तांतरित कर अनियमित फर्जी भुगतान IFMS सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया था. प्रतिवेदन अनुसार 13 करोड़ की राशि का भुगतान हुआ है. मामले में जेल मुख्यालय द्वारा जेल उप महानिरीक्षक की अध्यक्षता में टीम गठित की और जांच में पाया कि 13 करोड़ नहीं बल्कि 15 करोड़ का गबन किया गया है.

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