बाबा महाकाल मंदिर होगा जीरो वेस्ट उज्जैन।महाकालेश्वर मंदिर से निकलने वाले कचरे को रिसाइकल कर कपोस्ट किया जाएगा. इस निर्णय से माना जा रहा है कि, मंदिर के आसपास की दुकानें और यहां का क्षेत्र अब जीरो वेस्ट क्षेत्र हो जाएगा. महाकाल मंदिर को जीरो वेस्ट मंदिर बनने के लिए महाकाल मंदिर समिति ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. मंदिर से निकलने वाली फूल-मालाओं से खाद बनाई जाएगी. कचरे को रिसायकल करने वाला प्लांट महाकाल लोक की सर्फेस पार्किंग में लगाया जाएगा. इस कचरे से गैस भी बनाई जाएगी. इस गैस उपयोग महाकालेश्वर मंदिर के अन्न क्षेत्र में भोजन बनाने के लिए किया जाएगा.
पौधों के काम आएगी खाद:महाकाल लोक का लोकार्पण किए जाने के बाद मंदिर समिति लगातार श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधाएं मिले इसके लिए प्रयास कर रही है. मंदिर परिसर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जीरो वेस्ट की कवायद की जा रही है. यहां से निकलने वाले कचरे से खाद बनाई जाएगी. महाकाल लोक में पौधों को सुरक्षित रखने के लिए मंदिर समिति अब तक दूसरी जगह से खाद खरीदती है, लेकिन प्लांट लगने के बाद से इस समस्या का समाधान हो जाएगा. बताया जा रहा है कि, गीले कचरे से जो खाद बनेगी वह यहां पर लगे पौधों के काम आएगी.
कचरे से बनेगी गैस:कचरे को रिसाइकल करने वाला प्लांट महाकाल लोक की सर्फेस पार्किंग में लगाया जाएगा. मंदिर से निकलने वाला सूखा कचरा, थैली, प्लाटिक की बोतल औक अन्य कचरे को यहीं पर प्रोसेस करने के बाद किसी फैक्ट्री या फिर रिसाइकिल यूनिट को दिया जाएगा. इस प्लांट में मंदिर से निकलने वाले कचरे से गैस भी बनाई जाएगी. इस गैस का उपयोग मंदिर के अन्न क्षेत्र में भोजन बनाने के लिए किया जाएगा.
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OWC प्लांट लगाया जाएगा:मंदिर में हर दिन लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं, विशेष पर्व के दौरान यह संख्या डबल हो जाती है. आम दिनों में यहां लगभग 4 क्विंटल से ज्यादा फूल बाबा महाकाल को अर्पित होता है. आम दिनों में 5 हजार से भी ज्यादा भक्त अन्न क्षेत्र में प्रतिदिन भोजन करते हैं. इस तरह मंदिर से 5-10 क्विंटल कचरा प्रतिदिन निकलना आम बात हैं. इसमें सूखा कचरा अलग है. अभी मंदिर से निकलने वाले इस कचरे को नगर निगम की प्रोसेसिंग यूनिट में भेजा जाता है, लेकिन प्लांट लगाए जावे के बाद से कचरे को रिसाइकल करने में मदद मिलेगी.