मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Ujjain: बाबा महाकाल ने भस्म आरती के बाद राजा के रूप में दर्शन दिए, शिवमय हुए भक्त - भक्ति में डूबे भक्त

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को बाबा महाकाल ने भस्मआरती के बाद राजा के रूप में दर्शन दिए. इस दौरान बाबा के भक्त शिव की भक्ति में डूब गए. बाबा महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रृंगार कराया गया. बाबा की मनोहारी छवि देखकर भक्त जय महाकाल के जयकारे लगाने लगे.

Ujjain Baba Mahakal
बाबा महाकाल ने भस्मआरती के बाद राजा के रूप में दर्शन दिए

By

Published : Mar 22, 2023, 8:06 AM IST

उज्जैन।बुधवार को भगवान महाकाल की भस्मारती में चंदन से श्रृंगार कर भांग से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. बाबा को मस्तक पर ओम और कुंडल जड़े आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अद्भुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु आनंदमय हो गए. महाकाल को राजा के रूप में तैयार किया गया. वहीं सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. गुलाब के फूलों की माला भी बाबा महाकाल को धारण कराई. इस प्रकार बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

बाबा महाकाल ने भस्मआरती के बाद राजा के रूप में दर्शन दिए

तड़के 4 बजे होती है भस्म आरती :बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती प्रातःकाल 4 बजे शुरू होती है. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. बुधवार को भी पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. इस दौरान बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.

बाबा महाकाल भस्मआरती के दौरान नंदी का श्रंगार

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

रात्रि में 12 बजे से लग जाती है लाइन :गौरतलब है कि बाबा महाकाल की भस्मारती के लिए भक्तों की लाइन रात्रि में ही लगना शुरू हो जाती है. श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं तो वे बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कराकर प्रवेश करते हैं. भस्म आरती के दौरान भक्त अभिभूत हो जाते हैं. बाबा को श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगाया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गए. इसके बाद तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details