बाबा महाकाल की साल में एक बार दोपहर में होती है भस्म आरती उज्जैन। 18 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम से महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया. इस दौरान महाकाल की नगरी उज्जैन में भी बाबा महाकाल का दुल्हे के रूप में श्रृंगार कर पूजन किया गया. इसके बाद रविवार सुबह यहां सेहरा दर्शन आरती हुई. जहां दोपहर को भस्म आरत हुई, जो साल में एक बार ही दोपहर में होती है. बाबा महाकाल में 10 फरवरी से महाशिवरात्रि पर्व मनाया जा रहा था. इस दौरान भोलेनाथ ने 9 दिनों तक अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन दिए. 9 दिनों तक कोटेश्वर महादेव पर पूजन अभिषेक के बाद बाबा महाकाल को चंदन का उप्टन लगाया जाता था. इसके साथ ही मां पार्वती को हल्दी का उप्टन लगाकर श्रृंगार किया जाता था. जिसमें 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया.
दुल्हा बने बाबा महाकाल, सिर पर सजा 3 क्विंटल फूलों का सेहरा, दिन में होगी भस्मारती
बाबा महाकाल में सेहरा दर्शन आरती:उज्जैन महाशिवरात्रि के दूसरे दिन 19 फरवरी को सुबह साढे़ 5 बजे से 6 बजे तक सेहरा दर्शन आरती हुई. इसके बाद बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को 11:00 बजे तक दूल्हे के रूप में दर्शन दिए. श्रृंगार देख श्रद्धालु अभिभूत हुए. 11 बजे के बाद पंडित पुजारी ने उनका सेहरा उतारा और दोपहर 12 बजे से साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मारती की गई. इसके बाद भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शहद से पंचामृत अभिषेक कर उनका भांग से श्रृंगार किया गया. इसके पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े के महंत द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई और फिर आरती प्रारंभ हुई, तब जाकर महाशिवरात्रि पर्व का समापन हुआ.
Mahashivratri 2023: भगवान महाकाल की भस्मारती में उमड़े भक्त, 44 घंटों तक खुला रहेगा बाबा का दरबार
साल में एक बार दोपहर में होती है भस्म आरती:महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन बाबा महाकाल अपने भक्तों को दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं. इसके पश्चात दिन के 11:00 बजे से 12:00 बजे तक भगवान महाकाल को भस्म आरती के लिए तैयार किया जाता है. दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती की गई, जिसमें शासकीय अधिकारी पुजारी परिवार और उज्जैन के नागरिक शामिल हुए. अलग-अलग राज्यों से आने वाली आम श्रद्धालुओं ने भी भगवान महाकाल की दोपहर में होने वाली भस्म आरती का लाभ लिया. इसके बाद ब्राह्मण भोज का आयोजन किया गया.