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उज्जैन के गोपाल मंदिर और फवारा चौक में पसरा सन्नाटा, ड्रोन कैमरे से ली गई फोटो

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Published : May 24, 2020, 7:25 PM IST

उज्जैन के होलकर-सिंधिया घराने के गोपाल मंदिर और फवारा चौक का नजारा ड्रोन कैमरे से लिया गया. जिस इलाके में चहल-पहल देखने को मिलती थी. आज वहां पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

There was silence in Ujjain due to Corona
गोपाल मंदिर और फवारा चौक की ड्रोन कैमरे से ली गई फोटो

उज्जैन। पूरे देश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है, इस संक्रमण के खतरनाक वायरस से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है. हर कोई अपने घरों में कैद होने पर मजबूर हो गया है, सभी मंदिर, मस्जिद देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है. पूरी दुनिया मानो थम सी गई है. हर काम रोक दिया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण फैल न सके.

एक नजारा उज्जैन के होलकर-सिंधिया घराने के गोपाल मंदिर का सामने आया है, यहां पर फवारा चौक और गोपाल मंदिर के चारों तरफ चहल-पहल देखने को मिलती थी. लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से यहां पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां एक समय इतनी चहल-पहल हुआ करती थी. वहां आज चारों तरफ सिर्फ सन्नाटा पसरा हुआ है, ड्रोन कैमरे की सहायता से यहां की तस्वीर ली गई.

उज्जैन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर के कारण यहां पर लाखों श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. लेकिन जब से कोरोना वायरस महामारी फैली है तब से लॉकडाउन कर दिया गया है. जिसके चलते उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर के साथ-साथ सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया है. श्रद्धालुओं के लिए उज्जैन शहर का यह गोपाल मंदिर सिंधिया-होलकर घराने का है और फवारा चौक का ये नजारा ड्रोन कैमरे से लिया गया है. यहां हजारों लोगों की चहल पहल रहा करती थी और गाड़ियों के हॉर्न बजा करते थे. शोर-शराबे वाले इस गोपाल मंदिर में भगवान की आरती की घंटियां सुनाई देती थीं.

लेकिन किसी ने भी ये नहीं सोचा था की एक समय ऐसा आएगा, जहां उज्जैन के इस चहल-पहल वाले इलाके में सन्नाटा देखने को मिलेगा. कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी ने उज्जैन को अपने आगोश में ले लिया है, लगातार उज्जैन में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसके बाद उज्जैन की जनता भी चिंता में है. वहीं प्रशासन भी लगातार लोगों पर नजर बनाए हुए हैं और जनता से घरों में रहने की अपील की जा रही है.

उज्जैन की जनता की चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं, क्या पहले जैसा उज्जैन देखने को कब मिलेगा. यहां शोर-शराबे के साथ बाजार खुले रहते थे और वहां पर सन्नाटा पसरा नजर आता है.

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