उज्जैन। शहर में पूर्णिमा के अवसर पर राम घाट पर शिप्रा नदी किनारे पवित्र स्नान करने श्रद्धालु पहुंचे थे. लेकिन शिप्रा नदी का दूषित पानी देख कई श्रद्धालु नाराज दिखाई दिए. हालांकि प्रशासन ने बोरिंग के पानी को फव्वारों तक पहुंचाकर राम घाट पर स्नान की सुविधा की थी.
शिप्रा नदी के गंदे पानी और काले पानी का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा : पारस जैन
उज्जैन में पूर्णिमा के अवसर पर शिप्रा नदी के रामघाट पर दूषित पानी से स्नान कराने और शिप्रा नदी के गंदे पानी को लेकर विधायक पारस जैन ने डायवर्सन तक का दौरा किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि ये पहला मौका है कि जब रामघाट पर फव्वारों से स्नान कराया गया.
बता दें कि 11 महीने पहले उज्जैन के त्रिवेणी घाट पर शनिश्चरी अमावस में कीचड़ से स्नान कराने को लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी देखने को मिली थी. जिसके चलते दो अधिकारी पर गाज भी गिरी थी. शुक्रवार को बीजेपी को शिप्रा नदी के दूषित जल को लेकर मुद्दा मिल गया और पूर्व मंत्री और मौजूद विधायक पारस जैन ने राघव पिपलिया सीवरेज प्लांट और जीवन खेड़ी में कान्हा नदी के पानी के डायवर्सन को देखने पहुंच गए.
पारस जैन ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली और देखा कि इंदौर की कान्हा नदी से आने वाला दूषित पानी शिप्रा को किस तरह गंदा और मैला कर रहा है. जिसको लेकर विधयाक पारस जैन मौजूद सरकार से नाराज दिखाई दिए और उन्होंने विधानसभा में इसका मुद्दा उठाने की बात कही है. वहीं पारस जैन ने कहा कि इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि राम घाट पर फव्वारों से श्रद्धालुओं को स्नान कराया गया हो.