उज्जैन। पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले मोहन करकरे ने 86 वर्षीय मां शालिनी करकरे की मृत्यु के बाद बड़नगर की गीता भवन न्यास संस्था ने नेत्रदान किया. गीता भवन न्यास एक निशुल्क संस्था है, जिसने सफल ऑपरेशन कर 92 लोगों को जीवनदान दिया है, जिसके लिए हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सामाजिक संस्था को सम्मानित करने वाले है.
पिता की इच्छा पूरी करने के लिए मां की आंखों को बेटे ने किया दान, दूर होगा जीवन का 'अंधेरा'
उज्जैन में पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बेटे ने मां की मृत्यु के बाद नेत्रदान किया, जिसे गीता भवन न्यास सामाजिक संस्था ने पूरा किया.
अब तक उज्जैन संभाग में पहला अंगदान पत्रकार जवाहर डोसी ने अपने बेटे विश्वास डोसी का करवाया था, जिसके बाद आज 6 लोग जीवन जी रहे हैं. वहीं इस प्रेरणा से प्रेरित होकर तीन देहदान भी हो चुका है.
डॉक्टर जीलएल दादरवाल का कहना है कि ये संस्था 44 तरह के सामाजिक कार्य करती है, जिसमें सिलाई-कड़ाई, कम्प्यूटर कोर्स, कंबल बांटना, बच्चों को स्वेटर बांटना और गरीब लोगों को निशुल्क भोजन देने का काम करती है. उनका कहना है कि ये 118 नेत्रदान है. हालांकि सरकार द्वारा कई योजनाओं के जरिए ऐसे लोगों तक पहुंचा जा रहा है, लेकिन इस संस्था के मदद से कई लोगों को जीवन खुशहाली से जीने का मौका मिल रहा है.