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क्षिप्रा नदी को शुद्ध करने की मांग, धरने पर बैठा संत समाज, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

क्षिप्रा नदी (Polluted Kshipra River) को शुद्ध करने और उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग (Demand to Declare Ujjain as Holy City) को लेकर संत समाज धरने पर बैठ गया है. संतों का कहना है कि जब तक शासन प्रशासन हमारी बात नहीं मानता तब तक धरना चलता रहेगा. क्षिप्रा में मिल रहे 13 गंदे नाले, इंदौर से आने वाली खान नदी के गंदे पानी और देवास की फैक्ट्रियों का मिल रहा गंदा पानी इसे प्रदूषित कर रहा है.

Sant Samaj sitting on dharna
धरने पर बैठा संत समाज

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Published : Dec 9, 2021, 10:36 PM IST

उज्जैन।प्रदूषित होतीक्षिप्रा नदी (Polluted Kshipra River) को देखकर संत समाज आक्रोशित हो गया है. क्षिप्रा के शुद्धीकरण को लेकर संत समाज ने गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया. सुबह 11 बजे दत्त अखाड़े और दत्त घाट पर शुरू हुए धरने में बड़ी संख्या में संत पहुंचे. सभी ने एक स्वर नदी को शुध्द और उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग (Demand to Declare Ujjain as Holy City) की.

संतों ने आरोप लगाया कि करोड़ रुपए बहा देने के बाद मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी के हाल जस के तस है. क्षिप्रा में मिल रहे 13 गंदे नाले, इंदौर से आने वाली खान नदी के गंदे पानी और देवास की फैक्ट्रियों का मिल रहा गंदा पानी इसे प्रदूषित कर रहा है.

धरने पर बैठा संत समाज

प्रशासन को उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

एक दिवस के धरने पर बैठे संतों ने शासन को चेताया कि क्षिप्रा में मिल रहे गंदे नालों को रोका नहीं गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. संत रामेश्वर दास ने कहा कि उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित कर सभी मांस की दुकानों को बंद कर क्षिप्रा नदी को प्रदूषित होने से रोका जाए.

दरअसल क्षिप्रा के जल में लगातार गंदे नाले और इंदौर की खान नदी का दूषित पानी मिलने की खबरों के बिच संत समाज क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए उग्र दिखाई दे रहा है. संतो का मानना है की करोडों रुपए शुद्धिकरण के नाम पर लगा देने के बाद भी नदी की हालत में कोई सुधर नहीं आया है. शासन प्रशासन ने अगर जल्द ही नदी को साफ करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, तो संत भोपाल पंहुचकर प्रदर्शन करेंगे.

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जुना अखाड़े पर इकट्ठा हुए 13 अखाड़ों के संत

क्षिप्रा नदी की दुर्दशा को देखते हुए 13 अखाड़े के संत गुरुवार को क्षिप्रा नदी के किनारे जूना अखाड़े में एकत्रित हुए. क्षिप्रा नदी में मिल रहे गंदे नालों को लेकर बैठक की. इस दौरान संत उस जगह को देखने भी गए, जंहा पर नाले सीधे रुपए में क्षिप्रा नदी में मिल रहे है. संतों की बैठक में बड़ी संख्या में संत समाज पहुंचा था. संतों ने एक स्वर में क्षिप्रा नदी पर धरने देने की बात कही.

लगातार जारी रहेगा अनशन

संत समाज का कहना है कि क्षिप्रा की दुर्दशा के लिए शुक्रवार को 11 बजे दत्त अखाड़े में अनशन पर बैठेंगे. संतों ने मांग की है की क्षिप्रा में मिलने वाले गंदे नालों को बंद किया जाए. जूना अखाड़े के संत महेश आनंद पूरी महराज ने कहा कि सभी नागा साधू आक्रोशित है. अब कल से साधू समाज अनशन पर बैठेगा. क्षिप्रा को साफ करने की मांग रखेगा.

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पहले से अनशन पर बेठा है एक संत

मंगलनाथ रोड पर भगवान अंगारेश्वर मंदिर के पास दादू आश्रम के संत ज्ञानदास बीते 16 नवंबर से अपने आश्रम पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. संत ने अन्न का त्याग कर सिर्फ पेय पदार्थ (दूध, जल और नारियल पानी) का सेवन कर रहे है. संत का कहना है कि जब तक उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने और क्षिप्रा में मिल रहे गंदे नालों की समस्या दूर नहीं होती तब तक अनशन जारी रहेगा.

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