उज्जैन। 12 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किए थे, जिसमें सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. घाटों पर होने वाली कर्मकांड पूजन पर भी रोक लगा दी गई थी. इसके बावजूद कई लोग शिप्रा नदी किनारे घाट पर पंहुच रहे थे, लेकिन महामारी के विकराल रूप को दखते हुए एडिशनल एसपी ने तीर्थ पुरोहितों को समझाइश देकर सभी कर्मकांड पूजन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया हैं.
तीर्थ पुरोहित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि लोग चाहे, तो वे ऑनलाइन माध्यम से भी कर्मकांड पूजन करवा सकते हैं. इस तरह के पूजन कई पंडित अलग-अलग शहरों में करवा रहे हैं. इससे सोशल डिस्टेंस भी बना रहेगा और जजमान को अन्य शहरों में जाना भी नहीं पड़ेगा.
पंडितों ने अपनाया कर्मकांड का ऑनलाइन तरीका पितृ मोक्ष अमावस्या पर जबलपुर की मोझ संस्था के लोगों ने नर्मदा किनारे किया पिंडदान
मृतकों के मोक्ष के लिए करना होगा इंतजार
शहर में प्रतिबंध के बावजूद भी कई लोग राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कर्मकांड पूजन के लिए उज्जैन पहुंच रहे थे. मृतकों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए लोग राम घाट और शनि मंदिर पहुंचते हैं.
ऑनलइन माध्यम से पूजन
जिस तरह अब पिंड दान पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हैं, उसे देखते हुए अब लोगों के सामने पिंड दान करने की समस्या खड़ी हो गई हैं. ऐसे में पंडित राजेश त्रिवेदी उज्जैन से किसी भी शहर में बैठे जजमान का पूजन करवाने के लिए ऑनलाइन माधयम से जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंदौर में मृतक राजेंद्र शर्मा का पिंड दान भी हाल ही में ऑनलाइन माधयम से हुआ.