उज्जैन।जिले की विक्रम विश्वविद्यालय में हुए पीएचडी घोटाले में लोकायुक्त ने जांच के बाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रशांत पौराणिक सहित विश्वविधालय के ही कुल 5 पदाधिकारियों को आरोपी बनाया था. इसके बाद भी प्रशांत पुराणिक को नहीं हटाया गया तो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव के बोर्ड पर कालिख पोत कर विरोध दर्ज कराया था. वहीं शुक्रवार को जैसे ही नए कुलसचिव इंदौर DAVV से प्रोफेसर प्रज्वल खरे उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो NSUI ने कुलसचिव के केबिन का गंगा जल से शुद्धिकरण किया.
NSUI ने जताया विरोध:उज्जैन युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खींची ने पीएचडी एंट्रेस एग्जाम में हुए घोटाले को लेकर तत्कालीन कुलपति को शिकायत की थी. कुलपति ने जांच समिति बनाई, जिसने 6 माह में रिपोर्ट पेश की. जिसमें 12 ओएमआर शीट में पीएचडी में घोटाला पाया गया. NSUI नेता बबलू खींच द्वारा 6 मई को शिकायत लोकायुक्त में की गई. जिसके बाद कुलसचिव प्रशांत पुराणिक सहित 5 लोगों पर लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, क्योंकि पीएचडी में फेल छात्रों को पास करने का मामला लोकायुक्त ने पकड़ा था और उसके बाद कुलसचिव सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. कुलसचिव को को पद से नहीं हटाया गया. जिसको लेकर पिछले दिनों ही कुलसचिव के बोर्ड पर कालिख पोत कर विरोध प्रदर्शन किया था.