उज्जैन। होली के पांचवें दिन रंगपंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से हर जगह मनाया जाता है. हिंदू धर्म में रंगपंचमी का खास महत्व है. धार्मिक नगरी उज्जैन में भी रंगपंचमी पर बड़ा उत्सव देखने को मिलता है. इस मौके पर बाबा महाकाल के दरबार में अनूठी परंपरा निभाई जाती है. होली के बाद एक बार फिर से भक्त बाबा महाकाल के साथ रंगपंचमी पर होली खेलते हैं. इस साल बाबा महाकाल मंदिर में टेसू के फूल से बने रंगों से होली खेली जाएगी. इसके पीछे मकसद परंपरा का निर्वहन तो है ही साथ ही प्रकृति और उससे जुड़े नैचुरल रंगों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है.
बाबा महाकाल के दरबार में रंगपंचमी: महाकालेश्वर मंदिर के सबी त्योहारों में महाकाल मंदिर के पंडे, पुजारी सहित सभी लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. रंगपंचमी 12 मार्च 2023 को मनाई जा रही और इस दिन बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी. उज्जैन के आसपास के इलाकों से टेसू के फूल मंगवाए गए हैं, जिसको उबालकर एक हर्बल और शुद्ध रंग बनाया जाएगा. इसके बाद उसको ठंडा कर दिया जाएगा, जिसकी वजह से उसमें रंग निकलने लगेगा. ये रंग 12 मार्च रविवार सुबह प्रातः काल होने वाली भगवान महाकाल की भस्म आरती में बाबा को अर्पित किया जाएगा, साथ ही भगवान की भस्म आरती देखने आए श्रद्धालुओं को भी इसी रंग से होली खिलाई जाएगी.