उज्जैन। शहर के वरिष्ठ नागरिक राजीव पाहवा पर क्षिप्रा के किनारे साफ करने का जुनून सवार है. जो नदी किनारे पेड़-पौधों में उलझी पॉलिथीन चुन-चुन कर नगर निगम के हवाले कर रहे हैं. अभी तक वे अपने कुछ साथियों और विद्यार्थियों के साथ मिलकर 5 क्विंटल से अधिक पॉलिथीन निगम को दे चुके हैं. पर्यावरण दूषित होने की वजह से सांस लेना मुश्किल हो रहा है.
तीन साल में 1.5 लाख पौधे लगाने वाले राजीव पाहवा क्षिप्रा को कर रहे पॉलिथीन मुक्त
उज्जैन के 62 वर्षीय राजीव पाहवा क्षिप्रा नदी किनारे बहकर आई प्लास्टिक और पॉलीथिन साफ करते हैं और पिछले तीन सालों में डेढ़ लाख से अधिक पौधे क्षिप्रा नदी के किनारे लगा चुके हैं.
उज्जैन में पर्यावरण को संरक्षित करने और क्षिप्रा को धारा प्रवाह बनाने के लिए पिछले तीन सालों में जनभागीदारी से करीब डेढ़ लाख पौधे लगाया जा चुका है. वरिष्ठ नागरिक राजीव पाहवा न सिर्फ क्षिप्रा नदी के किनारे पड़ी पॉलीथिन साफ करते हैं, बल्कि पिछले तीन सालों से डेढ़ लाख से अधिक पौधे क्षिप्रा के किनारे लगा चुके हैं.
पूरा शहर राजीव को पर्यावरण संरक्षण के नाम से भी जानता हैं. हाल ही में अतिवृष्टि के चलते क्षिप्रा नदी में लंबे समय तक उफान पर रही, इस दौरान बहाव के साथ आई पॉलीथिन पानी में उतराने पर क्षिप्रा किनारे लगे पेड़-पौधों में उलझ गई. हरे भरे क्षेत्र की सुंदरता बिगड़ती देख उन्होने पेड़-पौधों से पॉलीथिन हटाने का बीड़ा उठाया.