उज्जैन।जरा सोचिए कि उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी, जिनका कोई अपना अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो, बावजूद उसकी देखभाल के लिए उसके साथ कोई परिजन मौजूद न हो. परिवार के लोगों को बीते 110 दिनों से हर पल कचोटती ये बेबसी शब्दों में बयां करना मुश्किल है. नागदा के रहने वाले 68 वर्षीय बिंदु खान 10 साल से आदित्य बिड़ला उद्योग समूह की चीन में स्थित कृत्रिम फाइबर बनाने की इकाई में बतौर कलर्ड फाइबर एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हैं. हर साल वीजा रिन्यू कराने के लिए वे भारत आते हैं और तभी परिवार से मिल पाते हैं. फिलहाल वो चीन के अस्पताल में भर्ती हैं.
बीते 110 दिनों से वे चीन के जियानयांग शहर के पीपुल हॉस्पिटल में कोमा में है. उनकी ये हालत एक दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट लगने के कारण है. ऑपरेशन के बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. नागदा में पत्नी रईसा बी, तीन बेटे फारुख, साजिद, यूसुफ रहते हैं. बिंदू खान के छोटे भाई फारुख ने बताया कि, उनके बड़े भाई की देखभाल के लिए दो बेटे चीन जाना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल को कई बार मेल करने के बाद भी लेटर तक जारी नहीं किया जा रहा है, जिसके आधार पर वे चीन के वीजा के लिए अप्लाई कर सकें, हालांकि चीन जाने के लिए फ्लाइट ही नहीं है. चार्टर फ्लाइट भी लॉक है.