उज्जैन। मोहर्रम के जुलूस के दौरान देश विरोधी नारेबाजी के मामले में अब राजनीति गरमा गई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि मौके पर देशी विरोधी नारे नहीं बल्कि 'काजी साहब जिंदाबाद' के नारे लगे थे. इस मामले को लेकर अब मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने जाकर एसपी से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
"नहीं लगे थे देश विरोधी नारे"
इस मामले में कांग्रेस नेता मुजीब काजी ने दावा किया है कि "नारे नहीं लगे थे, मैं मौके पर मौजूद था, मौके पर महाकाल पंडा समिति के अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी भी मौजूद थे. वो बड़े साहब को सेरा चढ़ाने गए थे. जब काजी साहब मौके पर पहुंचे तो लोगों को लगा कि वो जुलूस निकलवा देंगे, इसलिए मौके पर मौजूद लोगों ने काजी साहब जिंदाबाद के नारे लगाए थे. वहां देश विरोधी नारे लगे थे यह झूठी बात है"
"दोषियों पर हो कार्रवाई, निर्दोषों को छोडे़ पुलिस"
वहीं आरोपी पक्ष के वकील आशीष तिवारी का कहना है कि "एसपी के पास जाकर, जो प्रकरण दर्ज किया गया है उसमें निर्दोष लोगों को नहीं पकड़ने की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने जिन साक्ष्य के दम पर इन्हें गिरफ्तार किया है, उसमें इनका अपराध किया जाना प्रमाणिक नहीं है, अगर कोई वहां मौजूद था और पीछे से नारेबाजी हुई तो बेकसूर लोगों को आरोपी नहीं बनाना चाहिए."