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तीन महीने बड़ा संकट, उसके बाद ही स्थिति होगी सामान्य: पंडित व्यास - पंडित आनंद शंकर व्यास

विश्व विख्यात ज्योतिष पंडित आनंद शंकर व्यास ने कोरोना महामारी सहित नवरात्रि को लेकर महत्वपूर्ण बातें बताई.

Pandit Anand Shankar Vyas
पंडित आनंद शंकर व्यास

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Published : Apr 13, 2021, 12:53 PM IST

उज्जैन। आज नवरात्रि का पहला दिन है. इसको लेकर विश्व विख्यात पंडित आंनद शंकर व्यास ने अपनी बात रखी है. पंडित व्यास देश-दुनिया की कई आपातकालीन स्थिति और संकटों को लेकर पहले से ही भविष्यवाणी कर चुके है, जो सच भी साबित हुई है. हर वर्ष खुद पंचांग निकालने वाले पंडित व्यास ने उत्तराखंड आपदा, बदलती सरकारें और महामारी सहित अन्य कई विषयों पर सटीक भविष्यवाणी की हुई है.

पंडित व्यास बताते है कि उज्जैन एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जहां दो शक्तिपीठ है. एक अवन्तिका नाम से और एक हरसिद्धि. अवन्तिका शक्तिपीठ जैसे मुम्बई में मुंम्बा देवी है. वैसे ही यहां अवंतिका देवी है, जो नगर की रक्षा के लिए हमेशा यहां विराजमान है.

पंडित व्यास ने कहा कि मंगलवार यानी आज से शुरू हो रहे नव वर्ष का नाम आनंद है. वर्ष का राष्ट्रपति मंगल है और प्रधानमंत्री भी मंगल है. खास बात यह है कि आज ही के दिन सृष्टि की रचना हुई थी.

पंडित आनंद शंकर व्यास

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शारदा की महाआरती

पंडित व्यास ने बताया कि अभी कोरोना महामारी की स्थिति 3 महीने तक सामान्य नहीं हो सकेगी. तीन महीने आम जन को बहुत ध्यान रखना है. सुरक्षित रहना है. 3 महीने बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होगी. उन्होंने कहा कि मैंने इस महामारी का वर्णन पिछले पंचांग में भी किया हुआ है. 14 जनवरी से 9 फरवरी तक 6 ग्रह एक राशि में आने से विकट परिस्तिथि बन रही है.

राशियों को लेकर उन्होंने कहा कि धनु, मकर और कुम्भ को साढेसाती है. वहीं मिथुन और कुम्भ को ढाईया है. इनके लिए अभी समय इनके पक्ष में नहीं है. वहीं मिथुन राशि, वृषभ राशि और कर्क राशि को मंगल का प्रभाव है.

क्या कहा नवरात्र को लेकर जानिए

पंडित आंनद शकर व्यास ने कहा कि यह चैत्र में आने वाली नवरात्रि है, जिसे वासन्तीक नवरात्रि कहा जाता है. जो कुंवार माह में आती है, वो शारदीय नवरात्र कहलाती है. यह नवरात्रि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी शुरुआत नव वर्ष से होती है. यह शक्ति की उपासना का पर्व है, जिसमें लोग देवियों की पूजा करते है. कुलदेवी को पूजते है. कुछ लोग इसमें एक समय का उपवास रखते है, तो कुछ दोनों समय का.

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