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बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर पालकी में सवार महाकाल भगवान विष्णु के दरबार पहुंचे, पृथ्वी की सत्ता सौंप कैलाश तपस्या को निकले भगवान शंकर - उज्जैन की खबर

Baikhuntha Chaturdashi 2023: उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर महाकाल की पालकी यात्रा निकाली गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौके पर पहुंचे. लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की. हर साल परंपरा अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी पर ये यात्रा निकाली जाती है.

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महाकाल की सवारी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2023, 12:53 PM IST

Updated : Nov 26, 2023, 1:14 PM IST

प्रदीप गुरु

उज्जैन। बैकुंठ चतुर्दशी को भगवान विष्णु और शंकर की भेंट हुई. इसके बाद पृथ्वी की सत्ता सौंपी गई. बड़ी धूमधाम से हरि हर मिलन का कार्यक्रम हुआ. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की सवारी में पहुंचे. हर साल देवशयनी से देवउठनी ग्यारस के बाद इस पालकी यात्रा की धूम पूरे शहर में देखने को मिलती है. सबसे पहले बाबा महाकाल की पालकी का पूजन और अभिषेक किया गया. इसके बाद बाबा महाकाल को चांदी की पालकी में विराजित किया गया.

पालकी जब मंदिर परिसर से बाहर आई तो, पुलिस के जवानों ने उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद सभी पुलिस के जवान घोड़े पर सवार होकर पुलिस बैंड बजाते हुए आए. साथ ही भक्त बाबा महाकाल के साथ चलते नजर आए. हालांकि प्रशासन ने इस बार पालकी यात्रा के दौरान आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन इसके बावजूद कई सैकड़ों लोगों ने जमकर आतिशबाजी की.

परंपरा अनुसार निकाली गई पालकी यात्रा: उज्जैन में परम्परा अनुसार महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप से रात्रि 11 बजे महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूम-धाम से गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची. जहां पूजन के दौरान बाबा महाकालेश्वर ने बील पत्र की माला गोपाल जी को भेंट की. इसके बाद वैकुण्ठनाथ यानि श्री हरि ने तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल को भेट की.

क्या होता है हरिहर मिलन: उज्जैन में देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं. उस समय पृथ्वी लोक की सत्ता भगवान देवाधिदेव महादेव के पास होती है. वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्ता पुनः श्री विष्णु को सौंप कर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं. इस दिवस को वैकुंठ चतुर्दशी और हरि-हर भेंट भी कहते है.

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Last Updated : Nov 26, 2023, 1:14 PM IST

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