उज्जैन। बैकुंठ चतुर्दशी को भगवान विष्णु और शंकर की भेंट हुई. इसके बाद पृथ्वी की सत्ता सौंपी गई. बड़ी धूमधाम से हरि हर मिलन का कार्यक्रम हुआ. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की सवारी में पहुंचे. हर साल देवशयनी से देवउठनी ग्यारस के बाद इस पालकी यात्रा की धूम पूरे शहर में देखने को मिलती है. सबसे पहले बाबा महाकाल की पालकी का पूजन और अभिषेक किया गया. इसके बाद बाबा महाकाल को चांदी की पालकी में विराजित किया गया.
पालकी जब मंदिर परिसर से बाहर आई तो, पुलिस के जवानों ने उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद सभी पुलिस के जवान घोड़े पर सवार होकर पुलिस बैंड बजाते हुए आए. साथ ही भक्त बाबा महाकाल के साथ चलते नजर आए. हालांकि प्रशासन ने इस बार पालकी यात्रा के दौरान आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन इसके बावजूद कई सैकड़ों लोगों ने जमकर आतिशबाजी की.