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भस्मार्ती में दर्शन को लेकर होगी बैठक, NSUI ने किया जमकर विरोध - कलेक्टर आशीष सिंह

बाबा महाकालेश्वर की अल सुबह होने वाली भस्मार्ती में दर्शन के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर समिति के सामने प्रस्ताव रखा है, जिसका फैंसला एक से दो दिन में प्रबंधन समिति की बैठक में लिया जाएगा. वहीं NSUI के पदाधिकारियों ने इसका पूरजोर विरोध किया है.

NSUI protested
NSUI ने किया जमकर विरोध

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Published : Feb 7, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 8:50 PM IST

उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर की अल सुबह होने वाली भस्मार्ती में दर्शन के लिए दी जाने वाली व्यवस्था लॉकडाउन के समय से अब तक बंद है. केवल मदिर के पुजारी परंपरा का निर्वहन कर रहे है. चूंकि अब कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य है, तो श्रद्धालुओं और व्यपारियों की मांग है कि दर्शन व्यवस्था को सुचारू रूप से शुरू किया जाए. लिहाजा कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर समिति के सामने प्रस्ताव रखा है, जिसमें कुछ नियम के साथ सप्ताह भर दर्शन व्यवस्था शुरू की जाए. इसका फैंसला एक से दो दिनों में मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक में लिया जाएगा. वहीं NSUI के पदाधिकारियों ने इस योजना का पूरजोर विरोध किया है. इस पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी की मांग से शासन-प्रशासन नहीं चलता.

कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दी गई जानकारी के बाद एनएसयूआई ने मंदिर प्रांगण के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी की. प्रशासन पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि भस्मार्ती की शुरुआत इतने दिनों से क्यों नहीं हुई. आज जब 12 से भाजपा विधायक दल का शिविर शुरू होने वाला है, तो भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था शुरू की जा रही है.

उज्जैन पहुंचे भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह कालूहेड़ा ने कहा कि कांग्रेस को काम करना चाहिए. वो कर नहीं रही है, जो नहीं करना चाहिए. कांग्रेस को एक शशक्त भूमिका में रहना चाहिए. किसी की मांग से शासन-प्रशासन नहीं चलता है.

जानकरी के मुताबिक, दर्शन व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू करने का निर्णय आने वाली महाशिवरात्रि के बाद लिया जाना था, लेकिन 12 फरवरी से शुरू होने जा रहे विधायकों के प्रक्षिक्षण शिविर के चलते यह निर्णय जल्द ही सप्ताह भर में लिया जाएगा, क्योंकि भाजपा का दबाव है कि सभी दूर-दराज से आने वाले विधायकों को भस्मार्ती के दर्शन लाभ दिए जाए. वहीं इस बड़े शिविर में सीएम, राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष के आने की भी सूचना है, जिसको लेकर तैयारियां तेज हो गई है.

NSUI ने किया जमकर विरोध
क्या है मान्यता ?दरअसल, बाबा महाकालेश्वर को ही तांत्रिक क्रिया अनुसार विश्वभर में दक्षिण मुखी पूजा का लाभ प्राप्त है, जिसके चलते साल भर में आने वाले प्रत्येक पर्व की शुरुआत भी यहीं से की जाती है. इसे देखने सुबह 4 बजे से श्रद्धलुओं की भीड़ मंदिर प्रांगण में उमड़ पड़ती है. इस दौरान महिलाएं साड़ी और पुरुष केवल धोती पहने दिखते है. वहीं बाबा को भस्म से स्नान करवाया जाता है, जिस समय महिलाओं को घूंघट लेना अनिवार्य होता है. कहते है कि एक समय पहले बाबा को चिता की ताजी राख से स्नान करवाया जाता था, लेकिन अब बाबा को कंडे की राख से स्नान करवाया जाता है, जिसके बाद बाबा का पंचाभिषेक कर भांग से तिथि के हिसाब से श्रृंगार किया जाता है.
Last Updated : Feb 7, 2021, 8:50 PM IST

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