मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

एमपी के युवा बने खतरों के खिलाड़ी, महाकाल मंदिर से इंदौर रोड तक सोशल मीडिया के दीवाने लगा रहे जान की बाजी - इंदौर में कानून को ताक पर रखना पड़ा भारी

देश में एमपी के युवा सबसे ज्यादा सोशल मीडिया वीडियो बनाने की होड़ में शामिल हैं. इसके लिए वो अपनी जिंदगी में ना सिर्फ परेशानियां खड़ी कर रहे हैं बल्की कई तो अपनी जान को बी जोखिम में डाल रहे हैं. उन्हे इस बात की तनिक भी परवाह नजर नहीं आती कि इससे कानून का उल्लंघन होता है. साथ ही घरवाले भी नाहक परेशानी में उलझ जाते हैं. (Social Media Addiction in MP) सोशल मीडिया एडिक्शन और Instagram से लेकर YouTube और Facebook रील्स बनाने के चस्के के पीछे की पड़ताल में कई चौकाने वाले खुलासे हुए. पढ़ें और जानें कि क्यों एमपी के युवा बने खतरों के खिलाड़ी. (Reels with Tiger in Jungle) (mahakal jyotirlinga dance controversy) (Indore girl road dance video)

MP youth risking life making reels video
सोशल मीडिया के दीवाने लगा रहे जान की बाजी

By

Published : Oct 29, 2022, 3:39 PM IST

भोपाल।इस माह के प्रारंभ में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की दो युवतियों ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के लिए वीडियो शूट करने के लिए महाकालेश्वर मंदिर परिसर में बॉलीवुड संगीत पर नृत्य किया. इस पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया दी. सार्वजनिक आक्रोश के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच व युवतियों पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया. इस उदाहरण से पता चलता है कि युवा वर्ग सोशल मीडिया के प्रति कितना जुनूनी है और इसके जरिए चर्चित होने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. इस पागलपन का एक और उदाहरण उस समय सामने आया जब तीन किशोरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर जंगल में सड़क पार कर रहे एक बाघ के पास से फिल्म बनानी शुरू कर दी.

(Social Media Addiction in MP) सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी सुशांत नंदा ने वीडियो को ट्वीट करते हुए सलाह दी कि ऐसे खतरनाक जानवर को देखें, लेकिन उसका पीछा न करें. बाघ आपकी जान भी ले सकता है। कृपया ऐसा अजीब व्यवहार न करें. आज के युग में जहां सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, रिपोर्ट बताती है कि किशोर और युवा इसके अत्यधिक उपयोग से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, जो उनके जीवन को खतरे में डाल रहा है.

एमपी के सोशल मीडिया वीर: अकेले मध्यप्रदेश में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जब सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण युवाओं ने खुद को परेशानी में डाल लिया. खासकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए वीडियो शूट करते समय. पिछले साल इंदौर में एक व्यस्त चौराहे पर नृत्य करने के लिए सड़क पर दौड़ती एक युवती को फिल्माया गया था. बाद में एक इंस्टाग्राम वीडियो के लिए किए गए स्टंट ने उसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर एक महिला को परेशानी में डाल दिया. महिला की पहचान श्रेया कालरा के रूप में हुई, जिसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर किया था.

इंदौर में लड़की ने बनाया रोड़ पर रील्स

इंदौर में कानून को ताक पर रखना पड़ा भारी: इंदौर की लाइफस्टाइल कोच प्रियंका तिवारी के मुताबिक किशोर और युवा सोशल मीडिया से ज्यादा जुड़े हुए हैं, जो कई अन्य समस्याओं की जड़ बन गया है. उन्होंने कहा कि 35 साल से कम आयु के लोगों में सोशल मीडिया की लत अधिक खतरनाक साबित हो रही है. प्रियंका ने कहा कि हमारी सारी ऊर्जा और जुनून सोशल मीडिया पर केंद्रित है, इसके परिणामस्वरूप कई मनोवैज्ञानिक और शारीरिक समस्याएं पैदा हो रही हैं. मध्य प्रदेश में बाल कल्याण समिति की सदस्य और सरकार द्वारा संचालित चाइल्ड केयर होम में बच्चों की काउंसलिंग करने वाली निवेदिता शर्मा ने कहा कि सरकार या संस्था किसी मुद्दे पर केवल दिशा-निर्देश दे सकती है, लेकिन माता-पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.

एमपी के युवा बने खतरों के खिलाड़ी

बच्ची ने शेयर किया अपना न्यूड फोटो: कुछ साल पहले भोपाल के एक चाइल्ड केयर होम में आई एक किशोरी के बारे में बताते हुए शर्मा ने कहा कि उसकी आयु मुश्किल से 12-13 साल की थी और सोशल मीडिया पर इतनी जुनूनी थी कि उसने अपनी नग्न तस्वीरें भी अपलोड करनी शुरू कर दी. बाद में उसे चाइल्ड केयर होम ले आया गया. लड़की की काउंसलिंग करते हुए पता चला कि वह अपनी मां की जीवन शैली का पालन करते हुए इस मुकाम पर पहुंच गई. बच्चों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से रोकना संभव नहीं है, लेकिन माता-पिता को बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए. शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि माता-पिता अपने बच्चों को सभी सुविधाएं प्रदान करना चाहते हैं, लेकिन कभी-कभी वे यह जानने से बचते हैं कि उनके बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कैसे कर रहे हैं. इस मामले में बच्चों के माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों की प्रमुख भूमिका है। उनके सहयोग के बिना न कोई नियम और न ही विशेषज्ञों या सरकारी संगठनों की सलाह काम करेगी.-- आईएएनएस

ABOUT THE AUTHOR

...view details