उज्जैन। उज्जैन जिले के नागदा की पहचान उद्योग नगरी के रूप में है, नागदा और खाचरौद मिलाकर एक विधानसभा है. 2003 तक यह सिर्फ खाचरौद विधानसभा सीट हुआ करती थी, इस विधानसभा सीट पर पूर्व में भले ही बीजेपी का दबदबा रहा हो, लेकिन पिछले 1993 से कांग्रेस ने यहां अपनी जड़ें लगातार मजबूत की हैं. हालांकि इस बार दिलीप सिंह गुर्जर यहां कांग्रेस पार्टी का मजबूत चेहरा बनकर उभरे, रोचक यह भी है कि टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सबसे बड़ी 14429 वोटों से जीत का रिकॉर्ड इस सीट पर बना है. हालांकि चुनाव के पहले बीजेपी ने नागदा को नए जिले की सौगात दी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह सौगात क्या मतदाताओं का मन बदल पाएगी.
चुनौती भरा रहा है इस सीट पर सियासी इतिहास:नागदा-खाचरौद विधानसभा उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों में से एक है. पहले खाचरौद विधानसभा सीट हुआ करती थी, लेकिन 2003 के बाद हुए परसीमन में खाचरौद में नागदा क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया. इस सीट पर अभी तक 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, इसमें से 4 बार कांग्रेस जीतने में सफल रही है. मध्यप्रदेश की खाचरौद-नागदा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हमेशा चुनौती भरा माना जाता रहा है, यहां कभी बीजेपी का पलड़ा भारी माना जाता था, लेकिन कांग्रेस नेता दिलीप सिंह गुर्जर क्षेत्र में पार्टी का मजबूत चेहरा बनकर उभरे. वे चार बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं और माना जा रहा है कि पार्टी एक बार फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतरने का मौका देगी. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में उतरे, लेकिन मुख्य घमासान बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा. कांग्रेस के दिलीप गुर्जर ने 83,823 वोट हासिल किए थे, जबकि बीजेपी के दिलीपसिंह शेखावत को 78706 वोट मिले. इस तरह कांग्रेस ने 5 हजार 117 वोटों से जीत दर्ज की थी.
कांग्रेस से चेहरा तय, बीजेपी में कई दावेदार:नागदा-खाचरौद विधानसभा सीट से कांग्रेस एक बार फिर मौजूदा विधायक दिलीप सिंह गुर्जर पर दांव लगा सकती है, उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है. उधर बीजेपी से कई नेता टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, इसमें एक नाम पिछले बार चुनाव मैदान में उतर चुके पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत का है. इसके अलावा दो बार के विधायक ठाकुर लाल सिंह राणावत, प्रदेश सरकार में कैबिनेट दर्जा प्राप्त सुल्तान सिंह शेखावत के बेटे मोतीसिंह शेखावत और पूर्व जिला अध्यक्ष तेज बहादुर सिंह भी टिकट के लिए मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं.