उज्जैन । नौ दिवसीय विक्रमोत्सव कि शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने की है. राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने विक्रमादित्य की स्मृति के माध्यम से महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ की स्थापना की है. इतिहास और संस्कृति को जानने के लिए विक्रम उत्सव क्षेत्र में अच्छी शुरुआत है. आज की भावी पीढ़ी और युवाओं को राष्ट्र की धरोहर से परिचित कराना जरूरी है. इस 9 दिवसीय विक्रमोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार को गिरीश मोहंता के निर्देशन में सिंहासन बत्तीसी का कार्यक्रम. पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित होगा. जो लगातार 17 साल से जारी है. 9 दिवसीय विक्रमोत्सव में देश भर के कलाकार प्रस्तुति देंगे. 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा के मौके पर सीएम शिवराज महाकाल की नगरी का जन्मोत्सव मनाकर कार्यक्रम का समापन करेंगे. साथ ही क्षिप्रा किनारे कैलाश खैर और मनोज मुंतशिर की प्रस्तुति भी देखने को मिलेगी.
उज्जैन: नौ दिवसीय विक्रमोत्सव का आगाज़, 2 अप्रैल को समापन व नगर जन्मोत्सव में शामिल होंगे सीएम शिवराज
धर्म नगरी उज्जैन में नौ दिवसीय विक्रमोत्सव कि शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने की है. राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने विक्रमादित्य की स्मृति के माध्यम से महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ की स्थापना की है. इतिहास और संस्कृति को जानने के लिए विक्रम उत्सव क्षेत्र की अच्छी शुरुआत है.
नई पीढ़ी को जानना जरूरी :राज्यपाल ने कहा विक्रमोत्सव सिर्फ आयोजन नहीं बल्कि यह भारतीय परंपरा का प्रतीक है. यहां हम अपने पूर्वजों का पुण्य स्मरण करते हैं और उनके बताये रास्ते पर चलकर देश को नित-नई ऊंचाई तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं. राज्यपाल ने इस दौरान जलियावाला बाग व रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगो के लिए चिंता भी जताई. राज्यपाल ने कहा आज की पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से रू-ब-रू करवाने का प्रयास किया जाए. पूर्वजों ने आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है. इस बात से नई पीढ़ी को रू-ब-रू होना चाहिए. विक्रम की तरह नई पीढ़ी पराक्रमी बनें.
विश्व में सफल होगा शोधपीठ : राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा विक्रमोत्सव से हमारी एकता को मजबूत बनाने के लिए क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की गई है. विक्रमादित्य शोधपीठ का यह प्रयास विश्वभर में सफल होगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति को युवाओं व नई पीढ़ी को परिचित कराया जाएगा.