उज्जैन। अब तक आपने आम जन को अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए सांसद, विधायक, मंत्री, सीएम या प्रशासनिक अमले के सामने प्रदर्शन करते या ज्ञापन देते देखा होगा, लेकिन बाबा महाकाल (ujjain Mahakaleshwar jyotirlinga) की नगरी में लोग बाबा महाकालेश्वर के सामने अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और कह रहे हैं कि आप ही उन्हें सद्बुद्धि दें प्रभु! जो हमारा मकान तोड़ने पर तुले हैं. बाबा महाकाल समय-समय पर प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. भगवान महाकाल की हर साल कार्तिक-अगहान माह में निकलने वाली चार सवारियों में सोमवार को आखिरी सवारी निकली. सावन-भाद्रपद महीने में निकलने वाली शाही सवारी की तरह आखिरी सवारी निकाली गई. (ujjain mahakal sawari 2021) कोरोना प्रतिबंध हटने के चलते करीब दो साल बाद बाबा महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली गयी.
बाबा महाकाल की शाही सवारी ujjain mahakal sawari 2021: उज्जैन में निकली भगवान महाकाल की शाही सवारी, चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए दर्शन
बाबा महाकाल को स्लोगन लिखा तख्ती दिखाया
बाबा महाकाल मंदिर के विस्तारिकण को लेकर मंदिर के सामने 70 मीटर व आसपास और मंदिर के पीछे 500 मीटर क्षेत्र में कई निर्माण कार्य प्रस्तावित है, जिसमें सड़क चौड़ीकरण, पार्किंग, गार्डन, मॉल, धर्मशाला जैसे निर्माण शामिल हैं, जबकि प्रस्तावित क्षेत्र में लोग पीढ़ियों से मंदिर के सामने रहते आ रहे हैं. अब चूंकि विस्तारीकरण का काम जोरो पर है तो ऐसे में रहवासियों की धड़कने भी बढ़ने लगी है, उनका कहना है कि कोई मुआवजा नहीं चाहिए, बस यहीं रहना है, बाबा से दूर नहीं जा सकते हैं. 160 परिवारों के करीब 3000 सदस्य बेघर होने वाले हैं, यही वजह है कि जब बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले तो पीड़ित रहवासी बाबा के सामने (devotees narrated their pain to Lord Mahakaleshwar) स्लोगन लिखी तख्ती लेकर खड़े हो गए और विरोध दर्ज कराया.
भक्तों ने बाबा महाकाल को दिया ज्ञापन मुख्यमंत्री के लिखित आश्वासन पर ही हटेंगे पीड़ित
रहवासी बाबु यादव ने कहा कि मंदिर विस्तारीकरण (Mahakal Temple Expansion Plan) को लेकर मंदिर के सामने 70 मीटर तक जमीन अधिग्रहण की योजना है, उसको पूरी तरह खत्म करने के लिए बाबा महाकाल से गुहार लगाई (Memorandum given to Baba Mahakal during royal tour) और विरोध भी दर्ज कराया है क्योंकि सांसद, विधायक, सीएम सबसे कहकर देख लिया, कोई सुनने को तैयार नही है. 160 परिवार यहां बाप दादा के समय से रह रहे हैं, यहीं व्यापार कर रहे हैं, अब कहां जायेंगे हम, अब मरने के अलवा हमारे पास कोई चारा नहीं है, हमे लिखत आश्वासन चाहिए यहीं रहने का सीएम से.
पीड़ितों की मांग- हमे न्याय चाहिए पैसा नहीं
वहीं प्रशासन का कहना है कि हम यहां गार्डन, फैसिलिटी सेंटर बनाएंगे, सड़क चौड़ीकरण करेंगे, जिसको जो करना है करे, लेकिन लिखित में आश्वासन लिये बिना हम यहां से नहीं हटने वाले हैं, मंदिर को जो 11 मकानों की आवश्यकता थी, वो मंदिर अधिग्रहण कर चुका है, अब 70 मीटर हम नहीं करने देंगे! सीएम साहब यहां धरातल पर आकर देखें, हमे लिखित में आश्वान दें. महिला दुर्गा यदाव ने कहा कि हमारा यही निवेदन है कि हमे कहीं आना जाना नहीं, हमारे बाप-दादा यहीं रहे, आज हमे धमकाया जा रहा है कि घर तोड़ देंगे, चाहे सवारी हो, पर्व हो या कोई हादसा हम लोग यहां सबसे पहले व्यवस्थाओ में लग जाते हैं, हमे न्याय चाहिए पैसा नहीं.
सबका मुआवजा तय, फिर भी हटने को नहीं तैयार
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर व अन्य मंदिरों के विस्तारीकण के लिए मंदिर के सामने 70 मीटर व मंदिर के आगे-पीछे आस पास 500 मीटर में कई निर्माण कार्य किये जाने हैं, ऐसे में जब कार्य मे तेजी आने लगी और पहले चरण में मंदिर के सामने व पीछे करीब 22 मकान का मुआवजा करीब 12 करोड़ 46 लाख रुपए देकर प्राशासन ने जमीन अधिग्रहण कर लिया और मकान-दुकान ध्वस्त कर चुका है, ऐसे में मंदिर के सामने अन्य मकान-दुकान-होटल दूसरे चरण में अधिग्रहण किया जाना है, जिसको लेकर विगत 2-3 वर्षों से रहवासी विरोध कर रहे हैं कि हम यहां से नहीं हटेंगे. सबके लिए मुआवजा तय है, बावजूद इसके कोइ हटने को तैयार नहीं.