उज्जैन।कोरोना काल में हजारों लाखों लोगों की सेहत के साथ उनके व्यापार, नौकरी व अन्य कामों पर भी गहरा असर पड़ा है. एक वक्त में काम में व्यस्त इंसान अपने मानसिक तनाव को भूल गया था. लेकिन लॉकडाउन के बाद उज्जैन के केवल जिला चिकित्सालय में ही हर रोज 12 से अधिक मरीज डिप्रेशन व एनजाइना का इलाज करवाने आ रहे हैं. इसका खुलासा खुद मनोचिकित्सक ने मीडिया से चर्चा के दौरान किया, जो की बेहद चिंताजनक है.
दरअसल ज्यादा समय तक अकेले रहने से बच्चों, युवाओं व महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या देखने को मिल रही है. वहीं एनजाइना पुरुष वर्ग से ज्यादा देखने को मिल रहा है. कल देर शाम ड्यूटी से घर लौट रहे थाना नगझिरी क्षेत्र के कमल सिंह चौहान की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई है. कमल गुना जिले के रहने वाले थे, काम के प्रति कभी लापरवाही नहीं बरतने वाले कमाल एनजाइना का शिकार हो गए, जिससे उनकी मौत हो गई.
उज्जैन जिला अस्पताल के डॉ विनीत अग्रवाल मनोचिकित्सक ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि 'हमारे पास हर रोज 40 से 50 मरीज आते हैं लेकिन कोरोना का काल के बाद लोगों की मानसिक स्थिति में असर हुआ है. हर रोज 10 से 12 लोग डिप्रेशन, एनजाइना के यहां आ रहे हैं, जो काफी चिंताजनक है. हो सकता है इसमें कोरोना से संक्रमित रहे लोग भी हो, वहीं ऐसे में लोगों को अपना पहले जैसा रूटीन करना बहुत जरूरी है.'
क्या है एनजाइना ?