उज्जैन।शहर की रहने वाली सारिका गुरु ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष के साथ ही मंदिर के प्रशासक के खिलाफ शिकायत की है. शिकायतकर्ता ने उज्जैन लोकायुक्त से इस मामले में केस दर्ज करने की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि मंदिर की दान राशि का 35 प्रतिशत 16 पुजारियों और विभिन्न प्रकार के पूजन से मिलने वाली राशि 22 पुरोहितों को 75 प्रतिशत मिल रही है. सारिका गुरु ने बीती 24 फरवरी को ये शिकायत लोकायुक्त से की थी. हालांकि लोकायुक्त ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. बता दें कि सारिका गुरु ने इससे पहले भी महाकाल मंदिर के क्षरण का मुद्दा उठाया था, जोकि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था.
महाकाल मंदिर के एक्ट का हवाला :दरअसल, महाकाल मंदिर में 5 दान पेटियों में श्रद्धालु अपनी इच्छा से दान करते हैं. ये दान पेटी हर माह खोली जाती है. इन दानपेटियों में से निकलने वाली राशि का 65 फीसदी हिस्सा महाकाल मंदिर समिति लेती है और 35 फीसदी हिस्सा मंदिर के 16 पुजारी-पुरोहित को मिलता है. इसी मामले को लेकर शिकायत की गई है. शिकायत में कहा गया है कि सन् 1985 से लेकर अभी तक यही चल रहा है. शिकायत में कहा गया है कि महाकाल मंदिर के एक्ट में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है. सारिका गुरु कहा कि 37 वर्षों से महाकाल मंदिर के पुजारियों को 35% दान की राशि किस आधार पर दी जा रही है.
इन पुरोहितों को 75 फीसदी हिस्सा :शरदचंद्र व्यास, विनोद व्यास, राधेशयाम शास्त्री, कौशल व्यास, चंद्र शेखर शर्मा, सुभाष शर्मा, बालकृष्ण जोशी, अजय शर्मा, स्व. सूर्यनारायण जोशी, नीरज शर्मा, विजय उपाध्याय, लोकेन्द्र व्यास, अशोक शर्मा, स्व. रवि पंडित, दीपक भट्ट, मुकेश शर्मा,स्व. गणेश नारायण, विपुल चतुर्वेदी, गोपाल व्यास, दीपक शर्मा, गोपाल शर्मा, विश्वास कराडकर को पूजन की राशि का 75 फीसदी हिस्सा मिलता है.