उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर चढ़ने वाला दूध अब जल्द ही महाकाल मंदिर समिति की गोशाला से मिलने लगेगा. शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश तय किया था, जिसमें दूध और अन्य सामग्री की शुद्धता पर ध्यान देने के विशेष निर्देश दिये गये थे. इसके बाद ही महाकाल मंदिर समिति ने दुग्धाभिषेक के लिए गोशाला से दूध उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है.
शिवलिंग क्षरण रोकने की पहल, अब महाकाल मंदिर समिति की गोशाला के दूध से होगा दुग्धाभिषेक - , Mahakal Temple Committee
महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए महाकाल मंदिर समिति ने योजना तैयार की है, जिसमें समिति की गोशाला में मिलने वाल दूध ही भक्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेचा जाएगा और समिति भी इसी दूध का उपयोग करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर समिति ने निर्णय लिया था कि मंदिर समिति अपनी ही गोशाला का दूध श्रद्धालुओं को विक्रय करेगी. इस कदम से न सिर्फ मंदिर समिति की आय बढ़ेगी, बल्कि शिवलिंग का क्षरण रोकने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा.
खाद्य विभाग की टीम ने कुछ समय पहले जांच में पाया था कि यहां दूध में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है, जिसके बाद करीब चार दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई थी, साथ ही शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश तय किए थे, जिसके चलते ये कदम उठाया गया है. मंदिर समिति गोशाला में पल रही करीब 150 गायों से निकलने वाले दूध को श्रद्धालुओं को बेचा जाएगा. मंदिर समिति के प्रशासक सुजान सिंह रावत के अनुसार जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.